ये क्यूँ किसने कहा था 'सदर अमरीका न जा '
उसे क्या मुल्क से अपने मुहब्बत कम रही होगी ?
कई बरसों का था उसको तजुर्बा मुल्क में अपने
तभी तो लफ्ज थर्राये थे, आँखें नम रही होंगी .
उसे क्या मुल्क से अपने मुहब्बत कम रही होगी ?
कई बरसों का था उसको तजुर्बा मुल्क में अपने
तभी तो लफ्ज थर्राये थे, आँखें नम रही होंगी .
ये उनकी बात जाती थी, या खुद्दारी थी जो बोले
यहाँ सब लोग गूंगे हैं, तजुर्बा करके बोलेंगे .
जिसे सब आजमाकर बोलते रहते हैं अब तौबा
उसे देखेंगे,परखेंगे, बुला के खुद टटोलेंगे .
यहाँ सब लोग गूंगे हैं, तजुर्बा करके बोलेंगे .
जिसे सब आजमाकर बोलते रहते हैं अब तौबा
उसे देखेंगे,परखेंगे, बुला के खुद टटोलेंगे .
मुझे डर है परखने में तजुर्बा वो ना हो जाये
कि जिसके दर्द से अपना पड़ौसी बिलबिलाता है
किये उसके हैं दो टुकड़े, हमें क्या छोड़ देगा वो
तबाही साथ चलती है कदम जब वो बढ़ाता है.
कि जिसके दर्द से अपना पड़ौसी बिलबिलाता है
किये उसके हैं दो टुकड़े, हमें क्या छोड़ देगा वो
तबाही साथ चलती है कदम जब वो बढ़ाता है.
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