एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है
इसलिए उन्होंने पकड़ ली हैं
तालाब की सारी मछलियाँ
अब नहीं बची है एक भी मछली
बच ही नहीं सकती थी
विकास जो करना था
अब बस गंधाता रहता है तालाब का पानी
लोग चिल्लाते रहते हैं
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो
ये कँवल के फूल मुरझाने लगे हैं
लेकिन शुद्ध पानी कहाँ से लायें
अब तो सिर्फ गंदे नाले में पानी बचा है
पानी जो सीवर का है
डिस्टलरी का है कमेले का है
जिसमें मछलियाँ नहीं तैरती
कमल नहीं खिलते हैं
प्यास नहीं बुझती है
रोग जन्म लेता है
वो कौन था ?
जिसने विकास की ये झूठी इबारत लिखी है
बच्चे पूछते हैं
मछली जल की रानी है
कहाँ रहती है ?
कौन से पानी में ?
तालाब में नहीं मिली
नदी अब सूखी है .
किसने मार डाला है
जल की उस रानी को ?
क्या वो रानी झांसी थी ?
हमने जो फांसी थी
लिप्सा के कांटे में .
अब तो नहीं बची कोई भी मछली है
अब किसे फासेंगें
लिप्सा के कांटें में ?
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