दिल्ली से लन्दन तक मुदियापे की बातें
काला धन लाने वालों की ये सौगातें ?
क्या समझे हैं मूर्ख बनाकर ऐश करेंगे ?
जनता को झूठें वादों से हैं बहलाते .
जनता के हैं दुर्दिन औ अच्छे दिन वालों
सोने के दिन दिये तुम्हें, चॉंदी की रातें .
राष्ट्रधर्म, संस्कृति की दे रहे दुआई
जनता को दिखलाओ अपने काले खाते.
हमको पन्द्रह लाख मिले ना पन्द्रह पैसे
तुम दस लाख का सूट पहन कर फुर उड जाते
झूठों के सरदार बनी सरकार तुम्हारी
काम करो,दिन रात करो मत मन की बातें.
सत्ता तक पहुॅचाने वाले वोटर सुन लो
बेबस बैठे हाथ मलों मत, दो दो लातें .
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