मन्दिर बन जाये या मस्जिद
असग़र का ठेला लगना है
राजू फेरी पर जाएगा....
वही धूप कल भी निकलेगी
कल भी कपड़े तार पे होंगे
कल भी मैं ऐसा ही मिलूंगा
कल भी प्रश्न सरकार से होंगे
दूध की नदियाँ नहीं बहेंगी
फ़लक से न लड्डू बरसेंगे
जिन पर है वो मस्त फिरेंगे
जो तरसे हैं वो तरसेंगे
मन्दिर बन जाये या मस्जिद
दिन भर ख़ाक छानता मानुष
शाम को अपने घर जाएगा
अगर चार दिन चुप रह लोगे
जीवन भर चिल्ला पाओगे
मगर अभी बेकार चीख़ कर
महामूर्ख ! तुम क्या पाओगे
इक-दूजे में प्यार बाँट लो
राजनीति का चक्कर छोड़ो
तुम अपने को ठीक रखो बस
दुनिया का दुनिया पर छोड़ो
मन्दिर बन जाये या मस्जिद
हंगामे में जेल गए तो
बच्चा भूखा मर जायेगा
_______अंशू_मालवीय
असग़र का ठेला लगना है
राजू फेरी पर जाएगा....
वही धूप कल भी निकलेगी
कल भी कपड़े तार पे होंगे
कल भी मैं ऐसा ही मिलूंगा
कल भी प्रश्न सरकार से होंगे
दूध की नदियाँ नहीं बहेंगी
फ़लक से न लड्डू बरसेंगे
जिन पर है वो मस्त फिरेंगे
जो तरसे हैं वो तरसेंगे
मन्दिर बन जाये या मस्जिद
दिन भर ख़ाक छानता मानुष
शाम को अपने घर जाएगा
अगर चार दिन चुप रह लोगे
जीवन भर चिल्ला पाओगे
मगर अभी बेकार चीख़ कर
महामूर्ख ! तुम क्या पाओगे
इक-दूजे में प्यार बाँट लो
राजनीति का चक्कर छोड़ो
तुम अपने को ठीक रखो बस
दुनिया का दुनिया पर छोड़ो
मन्दिर बन जाये या मस्जिद
हंगामे में जेल गए तो
बच्चा भूखा मर जायेगा
_______अंशू_मालवीय
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