सोमवार, 3 सितंबर 2018

हम लिखेंगे कि लिखना जरूरी अभी,
सामने हम हैं दिखना जरूरी अभी।
तुम अभी चुप रहो तुमने कब ना कहा?         
आज लेकिन है कहना जरूरी अभी।

चुप रहे जो बहुत कौन जानेगा सच
जो गुनाहगार है वो तो जायेगा बच ।
वक्त है बेजुबानों को दे दो जुबां
बच ना पाओगे तुम साजिशें अब यूँ रच।

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