बुधवार, 21 अप्रैल 2021

जनवादी गीत संग्रह : 'लाल स्याही के गीत' 32-प० ईश्वर चन्द्र 'गंभीर'--











जो ना किये विकास क्षेत्र में अब तो उन पर चोट करें 
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसको वोट करें। 

लूटपाट कर घर भरने वालों को हमें हराना है 
कर्मठ और जुझारू जो हो उसको हमें जिताना है| 
प्रत्याशी भी दूर जहन से चालाकी और खोट करें।
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसको वोट करें। 

दागी, बागी और मदारी अब तक चुनते आये हैं  
मतदाताओं ने भी  उनसे कितने धोखे खाये हैं |
अगर कोई देने आये तो वापिस दारू, नोट करें।
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसको  वोट करें। 

शिक्षा,चिकित्सा, साफ पेयजल जो दे उसको लाना है 
हमें देश में अमन चैन का ही परचम लहराना है।
सबके लिये आवाज उठायें बन्द ना अपने होठ करें

स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवलउसको वोट करें। 

आज युवाओं के हाथों में हमको डोर थमानी है 
भारत को भारत की गरिमा फिर हमको लौटानी है।
कहॉं कहॉं किसमें खामी है सारी बातें नोट करें
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसके वोट करें। 

हिन्दू  मुस्लिम अगडे पिछडे ठाकुर हरिजन ना देखे
किसने  वोट दिया  ना  दिया  रखे  ना  ऐसे  लेखे
जो सारी ही जनता का हो जनता जिसे रिमोट करे।
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसको  वोट करें। 

 शहर, गाँव, खलियान, खेत को जो सारी सुविधा देगा  
बिजली, पानी, पुल सडकों को समय समय पर परखेगा।
 ऐसे ही प्रत्याशी को 'गम्भीर' चलें प्रमोट करें
स्वच्छ छवि हो सही आचरण केवल उसको वोट करें। 

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प० ईश्वर चन्द्र 'गंभीर-- 'क्या आजादी का मतलब ये होता है ?'

                 






               
               
                  साठ साल का बूढ़ा भारत रोता है |
                क्या आजादी का  मतलब ये होता है ?
             
               शोषण,अत्याचार,लूट,अपहरण बढे, 
               मानव सस्ते और गेहूँ के भाव चढ़े ,
               आठ साल का बालक बर्तन धोता है |
                                               क्या आजादी का  मतलब ये होता है ?

                नहीं झोंपड़ी में दीपक, बस्ती काली,
                हैवानों की मौत  कर रही रखवाली,
                आधा भारत फुटपाथों पर सोता है |
                क्या आजादी का  मतलब ये होता है ? 

               मानवता के मुँह पर बरस रहे चाँटे,
               मजहब,रंगभेद ने आपस में बांटे,
               रहबर खुद राहों में कांटे बोता है|
                 क्या आजादी का  मतलब ये होता है?           
                                                                                                   
              परेशान हैं सब परिवार शहीदों के,
              सपने टूटे,खून हुये उम्मीदों के,               
              हँसीं उडाता  घोड़ों की अब खोता है |
              क्या आजादी का  मतलब ये होता है ?
                                                          
             घूम रहे दोषी निर्दोष हैं जेलों में, 
             दहशत से सन्नाटा  है अब मेलों में,  
             रिक्शा चला रहा टीपू का पोता है |
              क्या आजादी का  मतलब ये होता है ?

           दीन, दुखी,अबला, दुर्बल,लाचारों को 
           देगा कौन सहारा,इन बेचारों को ,
           आज सियासत में पग पग समझौता  है |
           क्या आजादी का  मतलब ये होता है ? 
                                                            आज करों 'गंभीर' याद वो कुरबानी, 
          जान गवायें भगत सिंह झांसी रानी, 
            गर्व बड़ा शेखर बिस्मिल पर होता है |
               क्या आजादी का  मतलब ये होता है ?

जलता हुआ गॉंधी का वतन देख रहा हूँ ।
पुस्तक की जगह हाथ में गन देख रहा हूँ 

कैसे विवेकानन्द बने कल कोई बच्चा 
पीढी में चरित्रों का पतन देख रहाहूँ  ।

जाता नहीं है फर्क वो बेटी का, बहु का
बांटे हैं दहेजों ने कफन देख रहा हूँ 

तुलसी, कबीर, सूर के दोहे नहीं गाते,
फिल्मी धुनों में सबको मगन देख रहा हूँ 

गंभीर’ जात पांत के झगड़े  नहीं जाते
मैं फिर भी एकता का सपन देख रहाहूँ |


तुम   वीर,  देशभक्त  हो,  आदर्श  हमारे,
जुग-2 जियो खुशहाल रहो अन्ना हजारे | 


आंधी में जलाया है जो  दीपक न बुझेगा, 
ये  रूप  ये  संकल्प जमाने  में  पुजेगा, 
गांधी की तरह तुम कभी हिम्मत नहीं हारे |
करता  है कौन  देश की परवाह  आजकल, 
तुम चल पड़े तो चल पड़ा सेनानियों का दल,  
टूटे   हैं   भ्रष्टाचार   के    मजबूत   सहारे |                        


आवाज युवाओं ने मिलाई  है साथ में,
अब डोर एकता की आ गयी है हाथ में, 
लगता है कि हो जायेंगे गुरबत में गुजारे |
रैली  करो अनशन करो परिणाम चाहिये,
अब  मुक्त  लूटपाट  से  आवाम  चाहिये,
संघर्ष    में   है  सारा  वतन  साथ  तुम्हारे |

तुम  कर्मशील  और  हो  कर्तव्य  परायण, 
एक हाथ में गीता लिए एक हाथ रामायण,
तुमने  लगाए  वन्दे  मातरम  के  ही नारे |  

                                                                      

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