चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही जंगली जानवर अपनी-अपनी जातियों में समूहबद्ध होने लगे। चूहे अपनी मूंछ मरोडने लगे। बया बन्दर के कान उमेठने लगी। खरगोश ने कछुए को चुनावी दौड में पराजित करने की घोषणा कर दी। सूअर भी शेर को चुनौति देने की मुद्रा में अपनी थूथन जमीन से रगडने लगा। लेकिन शेर ने चुनाव के दंगल में उतरना अपनी शान के खिलाफ समझा और चुनाव न लडने की घोषणा कर दी। शेर की घोषणा सुनकर वनराज पद के उम्मीदवारों की बॉंछें खिल गयीं। वे जोरशौर से चुनाव प्रचार में जुट गये। चुनाव प्रचार ने जंगल में कुछ ऐसा माहौल बना दिया कि जंगली जानवरों के मन से एक दूसरे से भय नाम की चीज बिल्कुल निकल गई। मेमना बेखौप होकर नदी के घाट पर पानी पी आता था। पहले तो वह भेडिये के डर से छुप छुपाकर पानी पीने जाता था, लेकिन अब उसे भेडिये की ऐसी कुछ खास परवाह नहीं थी। फिर भी उसके मन के अन्दर तो जन्म जन्म का भय समाया ही था इसलिये वह भेडिये के सामने आने से बचता था।अगर भेडिया कही दूर भी दिखायी देता तो वह नजरे बचाकर चुपचाप निकल निकल जाने में ही खैर समझता था। लेकिन एक दिन वह भेडिये से टकरा ही गया। वह पानी पीने के लिये जा रहा था और भेडिया नदी के तट से पानी पीकर वापिस लौट रहा था। दोनों आमने-सामने टकराये| मेमने ने चाहा कि वह बचकर निकल जाये। सुनसान राह थी कोई दूसरा जानवर भी आ जा नहीं रहा था। मेमने को भेडियो द्वारा अपने लकडदादा को पानी झूठा करने के झूठे आरोप में चबा जाने का किस्सा याद था। वह सोचने लगा क्या पता भेडिया दबोच ही बैठे। आखिर जन्मजात फितरत बदलती थोडे ही है।
मेमना यह सब सोच ही रहा था कि उसने देखा भेडिया उसे दण्डवत प्रणाम कर रहा है। मेमना समझ गया हो न हो यह चुनाव का ही असर है। फिर भी उसने अनजान बनते हुये पूछा -'दादा प्रणाम, कैसे हाल हैं?'
मेमना यह सब सोच ही रहा था कि उसने देखा भेडिया उसे दण्डवत प्रणाम कर रहा है। मेमना समझ गया हो न हो यह चुनाव का ही असर है। फिर भी उसने अनजान बनते हुये पूछा -'दादा प्रणाम, कैसे हाल हैं?'
भेडिया अपने गन्दे दाँतों की प्रदर्शनी सी लगाते हुये बोला- 'मेमने भाई ! हाल तो सब बढिया हैं| वैसे तुम्हें मालूम तो होगा ही कि जंगल के वनराज पद के चुनाव मैं भी उम्मीदवार हूँ मुझे तुम्हारी सहायता की आवश्यकता है।'
मेमना बोला- 'दादा यह तो बडी खुशी की बात है। मुझे बतायें मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?'
भेडिया दॉंतें निपोरते हुये बोला -'जंगल में आपकी बिरादरी के भी काफी वोट हैं। मैं चाहता हूँ तुम्हारी बिरादरी के सब वोट मुझे मिलें। तुम अपनी बिरादरी के होनहार नौजवान हो। मैं चाहूँगा मेरे चुनाव की बागडोर भी तुम्ही संभाल लो।'
इतना कहकर भेडिये ने मेमने को अपने गले से लगा लिया और आर्द्र स्वर में बोला-' मेरे पुरखे ने तुम्हारे पुरखे के साथ बडा अन्याय किया था मुझे उसके सुधार करने का एक अवसर दे दो।'
इतना कहकर भेडिये ने मेमने को अपने गले से लगा लिया और आर्द्र स्वर में बोला-' मेरे पुरखे ने तुम्हारे पुरखे के साथ बडा अन्याय किया था मुझे उसके सुधार करने का एक अवसर दे दो।'
मेमने के चेहरे पर सोच विचार के चिहन उभरने लगे। उसकी मनोदशा को भॉंपकर भेडिया बोला -'तुम्हें हमसे डरने की जरूरत नहीं है। हमने भयमुक्त समाज बनाने का वायदा किया है। तुम जानते ही हो कि शेर भले ही जंगल का राजा रहा हो पर हम भी जंगल के चौधरी रहे हैं। हमसे ऑंख मिलाने का साहस कोई नहीं करता। यदि तुमने हमें शासक चुन लिया तो फिर किसी को किसी का भय नहीं रहेगा।'
भेडिये के भयमुक्त समाज बनाने के नारे का असर था या मताधिकार प्राप्त होने की खुशी' मेमना बेखौप मुस्कराता हुआ भेडिये का चुनावी भाषण सुनता रहा। मेमने ने भेडिये को अपनी जाति की सारी वोट दिलाने का भरोसा दिया । भेडिये ने भी मेमने को अपनी पीठ पर बिठाया और नदी पर ले जाकर उसे पानी पिलाया ताकि मेमने को भेडिये के भयमुक्त समाज के नारे पर पूर्ण विश्वास हो जाये।
भेडिये की पीठ पर बैठकर पानी पीने से मेमना ऐसा भयमुक्त हुआ जैसे प्रत्याशियों द्वारा बॉंटी गई देशी दारू पीकर दलित मतदाता हो जाते हैं। थोडी ही देर की उठ बैठ से मेमने को भेडिया अपने सगे भाई से भी ज्यादा सगा लगने लगा। दूर कहीं जंगल में हाथी ने चिंघाडकर 'इन्कलाब जिन्दाबाद' का नारा लगाया तो मेमने ने भी - 'मैं भेडिये के साथ हूँ' की आवाज बुलन्द कर दी। मेमना का उत्साह देखकर भेडिया मन ही मन हॅंसने लगा। यद्यपि वह इस बात से बहुत कुढ रहा था कि वोट की खातिर उसे मेमने जैसे एक गन्दे गलीच नख- दन्तहीन अहिंसक जानवर को अपने पीठ पर सवारी करानी पडी। लेकिन वोटों की मजबूरी समझ वह सब कुछ करने के लिये तैयार था। वैसे भी जीतने के बाद तो उसे अपने गुप्त एजेण्डे पर ही कार्य करना था जिसके अनुसार मेमने खरगोश जैसे अहिंसक प्राणी जंगल से साफ कर देने थे ताकि जंगली जानवरों की हिंसक वृत्ति की शुद्धता और प्रखरता कायम रहे।
भेडिया समूह का विचार था कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में हिरन, हाथी सरीखे शाकाहारी जानवरों का वर्चस्व बढेगा जिसके कारण अहिंसावृत्ति को बढावा मिलेगा,शिकार करना प्रतिबन्धित भी किया जा सकता है। अतः उन्होंनें तय कर लिया था कि चाहे जैसे भी हो उन्हें यह चुनाव जीतना ही पडेगा। यह उनके जीवन मरण का सवाल है। एक बार पूर्ण बहुमत से चुनाव जीत गये तो वे चुनाव की ऐसी नियमावली तैयार करेंगें जिससे भविष्य में वोट लेने देने का झंझट ही समाप्त हो जाये। 'स्वयंमेव मृगेन्द्रता' उनका जंगली उदघोष था।
प्राप्त समाचार के अनुसार जंगल में धुंआधार चुनाव प्रचार चल रहा है। वनराज पद के उम्मीदवार भेडिये, सूअर, लोमडी, हाथी, गिद्ध और अजगर मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने मे दिन रात एक किये हैं। एक दूसरे के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने हटाने की संभावनायें टटोली जा रही हैं। उम्मीदवारों में गाय सरीखा सीदा सादा जानवर भी शामिल है। लेकिन भेडिये के घात प्रतिघात और हाथी के मदमस्त होकर पगलाने से जंगल के जानवर इतने भयभीत हैं कि उन्हें नहीं लगता कि वे स्वतंत्रता पूर्वक अपना मतदान कर सकेंगें। उन्हें अनहोनी की आशंका सताने लगी है। गिलहरी, खरगोश, हिरन जैसे जानवर मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर जंगल के जानवरों को यह समझाने में लगे हैं कि वे अपने सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य के लिये खुंखार जानवरों से सावधान रहें तथा गाय जैसे सीधे सादे जानवर को ही वोट दें।
-- अमरनाथ मधुर
انسانی سماج میں جب سے لوكتانترك نظام کا جنم ہوا اور اس نے ایک خاص وقفے کے بعد ووٹنگ کے ذریعے اپنا حکمران منتخب کرنے کی صورتحال شروع کی اسی وقت سے جنگل کا انتظام بھی تبدیلی کی نئی ہوا سے پلكنے لگی. جمہوریت کی ہوا نے جنگل کے جانوروں کو بورا دیا. بھےڈيا، بگھےرا، بندر، اژدھا، گددھ نے ہاتھی کی صدارت میں ایک محاذ تیار کیا اور تحریک، دھرنے، مظاہرے کر کے شیر کو ونراج عہدے سے استعفی دے کر ووٹ کے ذریعے نیا ونراج منتخب ہونے کا اعلان کرنے کو مجبور کر دیا.
انتخابات پروگرام کا اعلان ہوتے ہی جنگلی جانور اپنی - اپنی ذات میں سموهبددھ ہونے لگے. چوہے اپنی مونچھ مروڈنے لگے. بيا بندر کے کان امےٹھنے لگی. خرگوش نے كچھے کو انتخابی دوڑ میں تباہ کرنے کا اعلان کر دی. سور بھی شیر کو چیلنج دینے کی کرنسی میں اپنی تھوتھن زمین سے رگڈنے لگا. لیکن شیر نے انتخابات کے دگل میں اترنا اپنی شان کے خلاف سمجھا اور الیکشن نہ لڈنے کا اعلان کر دی. شیر کا اعلان سن کر ونراج عہدے کے امیدواروں کی بچھے کھل گئیں. وہ جورشور سے انتخابی مہم میں لگ گئے. انتخابی مہم نے جنگل میں کچھ ایسا ماحول بنا دیا کہ جنگلی جانوروں کے دل سے ایک دوسرے سے خوف نام کی چیز بالکل نکل گئی. مےمنا بےكھوپ ہو کر دریا کے گھاٹ پر پانی پی آتا تھا. پہلے تو وہ بھےڈيے کے ڈر سے چھپچھپاكر پانی پینے جاتا تھا لیکن اب اسے بھےڈيے کی ایسی کچھ خاص پرواہ نہیں تھی. پھر بھی اس کے دل اندر تو پیدائش پیدائش کا خوف سمايا ہی تھا اس لئے وہ بھےڈيے کے سامنے آنے سے بچتا تھا. وہ بھےڈيا کہی دور بھی اگر دکھائی دیتا تو وہ نجرے بچا کر چپ چاپ نکل نکل جانے میں ہی خیر سمجھتا تھا. لیکن ایک دن وہ بھےڈيے سے ٹکرا ہی گیا. وہ پانی پینے کے لئے جا رہا تھا اور بھےڈيا ندی کے کنارے سے پانی پی کر واپس لوٹ رہا تھا. دونوں آمنے سامنے ٹكرايے، مےمنے نے چاہا کہ وہ بچ کر نکل جائے. سنسان راہ تھی کوئی دوسرا جانور بھی آ جا نہیں رہا تھا. مےمنے کو بھےڈيو کی طرف سے اپنے لكڈدادا کو پانی جھوٹا کرنے کے جھوٹے الزام میں چبا جانے کا قصہ یاد تھا. وہ سوچنے لگا کیا پتہ بھےڈيا دبوچ ہی بیٹھے. آخر پیدائشی فطرت بدلتی تھوڑا ہی ہے. مےمنا یہ سب سوچ ہی رہا تھا کہ اس نے دیکھا بھےڈيا اسے دڈوت سجدہ کر رہا ہے. مےمنا سمجھ گیا ہو نہ ہو یہ انتخابات کا ہی اثر ہے. پھر بھی اس نے انجان بنتے ہوئے پوچھا دادا کیسے حال ہیں؟
بھےڈيا اپنے گندے دانتوں کی نمائش سی لگاتے ہوئے بولا - مےمنے بھائی حال تو سب بڈھيا ہیں ویسے تمہیں معلوم تو ہو گا ہی کہ جنگل کے ونراج عہدے کے انتخابات میں بھی امیدوار ہوں مجھے تمہاری مدد کی ضرورت ہے.
مےمنا بولا - دادا یہ تو بڑی خوشی کی بات ہے. مجھے بتائیں میں آپ کی کیا مدد کر سکتا ہوں.
بھےڈيا دتے نپورتے ہوئے بولا - جنگل میں آپ کی برادری کے بھی کافی ووٹ ہیں. میں چاہتا ہوں تمہاری برادری کے سب ووٹ مجھے ملیں. تم اپنی برادری کے ہونہار نوجوان ہو. میں چاہوں گا میرے انتخاب کی باگ ڈور بھی تمهي سنبھال لو. اتنا کہہ کر بھےڈيے نے مےمنے کو اپنے گلے سے لگا لیا اور نمی کے سر میں بولا میرے آباء و اجداد نے تمہارے آباء و اجداد کے ساتھ بڑا ظلم کیا تھا مجھے اس اصلاح کرنے کا ایک موقع دے دو.
مےمنے کے چہرے پر سوچ بچار کے چهن ابھرنے لگے. اس کی منودشا کو بھپكر بھےڈيا بولا - تمہیں ہم سے ڈرنے کی ضرورت نہیں ہے. ہم نے بھيمكت سماج بنانے کا وعدہ کیا ہے. تم جانتے ہی ہو کہ شیر بھلے ہی جنگل کا بادشاہ رہا ہو پر ہم بھی جنگل کے چودھری رہے ہیں. ہم سے آنکھ ملانے کی جرات کوئی نہیں کرتا. اگر تنے ہمیں بادشاہ منتخب کرلیا تو پھر کسی کو کسی کا خوف نہیں رہے گا.
بھےڈيے کے بھيمكت سماج بنانے کے نعرے کا اثر تھا یا ووٹ کا حق حاصل ہونے کی خوشی مےمنا بےكھوپ مسکراتا ہوا بھےڈيے کا انتخابی تقریر سنتا رہا. مےمنے نے بھےڈيے کو اپنی ذات کی ساری ووٹ دلانے کا بھروسہ دیا. بھےڈيے نے بھی مےمنے کو اپنی پیٹھ پر بٹھایا اور دریا پر لے جا کر اسے پانی پلایا تاکہ مےمنے کو بھےڈيے کے بھيمكت سماج کے نعرے پر مکمل یقین ہو جائے.
بھےڈيے کی پیٹھ پر بیٹھ کر پانی پینے سے مےمنا ایسا بھيمكت ہوا جیسے امیدواروں کی طرف سے بٹي گئی ملکی دارو پی کر دلت ووٹر ہو جاتے ہیں. تھوڑی ہی دیر کی اٹھ بیٹھ سے مےمنے کو بھےڈيا اپنے حقیقی بھائی سے بھی مزید سگا لگنے لگا. دور کہیں جنگل میں ہاتھی نے چگھاڈكر انكلاب زندہ باد کا نعرہ لگایا تو مےمنے نے بھی - میں بھےڈيے کے ساتھ ہوں کی آواز بلند کر دی. مےمنا کا جوش دیکھ کر بھےڈيا من ہی من هسنے لگا. تاہم وہ اس بات سے بہت كڈھ رہا تھا کہ ووٹ کی خاطر اسے مےمنے جیسے ایک گندے گليچ نكھدنتهين اهسك جانور کو اپنے پیٹھ پر سواری کرانی پڑی. لیکن ووٹوں کی مجبوری سمجھ وہ سب کچھ کرنے کے لئے تیار تھا. ویسے بھی جیتنے کے بعد تو اسے اپنے خفیہ اےجےڈے پر ہی کام کرنا تھا جس کے مطابق مےمنے خرگوش جیسے اهسك مخلوق جنگل سے صاف کر دینے تھے تاکہ جنگلی جانوروں کی تشدد انداز کی شددھتا اور پركھرتا قائم رہے.
بھےڈيا گروپ کا خیال تھا کہ لوكتانترك نظام میں ہرن، ہاتھی جیسے سبزی خور جانوروں کا تسلط بڈھےگا جس کی وجہ سے اهساورتت کو فروغ ملے گا، شکار کرنا منع بھی کیا جا سکتا ہے. لہذا انہوں نے طے کر لیا تھا کہ چاہے جیسے بھی ہو انہیں یہ انتخاب میں جیت ہی پڑے گا. یہ ان کی زندگی مر کا سوال ہے. ایک بار مکمل اکثریت سے انتخابات جیت گئے تو وہ انتخابات کی ایسی دستور العمل تیار کریں گے جس سے مستقبل میں ووٹ لینے دینے کا جھنجھٹ ہی ختم ہو جائے. سويمےو مرگےندرتا ان کا جنگلی ادگھوش تھا.
حاصل خبر کے مطابق جنگل میں دھواں دھار انتخابی مہم چل رہا ہے. ونراج عہدے کے امیدوار بھےڈيے، سور، لومڈي، ہاتھی، گددھ اور اژدھا ووٹروں کو اپنی طرف رجھانے میں دن رات ایک کئے ہیں. ایک دوسرے کے حق میں انتخابی میدان سے ہٹنے ہٹانے کی سبھاونايے ٹٹولي جا رہی ہیں. امیدواروں میں گائے سريكھا سيدا سادہ جانور بھی شامل ہے. لیکن بھےڈيے کے گھات پرتگھات اور ہاتھی کے مدمست ہو کر پگلانے سے جنگل کے جانور اتنے خوفزدہ ہیں کہ انہیں نہیں لگتا کہ وہ آزادی پوروك اپنا ووٹ کر سكےگے. انہیں انهوني کا خدشہ ستانے لگی ہے. گلهري، خرگوش، ہرن جیسے جانور ووٹر بیداری مہم چلا کر جنگل کے جانوروں کو یہ سمجھانے میں لگے ہیں کہ وہ اپنے محفوظ اور روشن مستقبل کے لئے كھكھار جانوروں سے ہوشیار رہیں اور گائے جیسے سیدھے سادے جانور کو ہی ووٹ دیں.
- امرناتھ مدھر

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