शुक्रवार, 8 मार्च 2013

तुम माता शेराँ वाली हो, तुम मॉं दुर्गा हो, काली हो.



 मत इन डरना  हैवानों से तुम, रानी झॉंसी वाली हो,
ये कायर, क्रूर, लंफगे हैं तुम, मॉं दुर्गा हो, काली हो।

इनके हाथों में चाकू है, इनके हाथों में डन्डे हैं,
ये गुन्डे और मवाली हैं,ये आवारा, मुस्टन्डे हैं,
ये आम आदमी के दुश्मन, ये रक्त बीज, महिषासुर हैं,
तू दुष्ट दलन कर रक्त पान, तेरा खप्पर क्यूँ  खाली हो।
तुम माता शेराँ वाली हो, तुम मॉं दुर्गा हो, काली हो।

जो अहंकार से शीश तान, उल्टे सीधे देते बयान,
उनका धड से दो शीश काट, या काट अलग कर दो जबान,
दुर्योधन, दुःशासन वाले, सिंहासन पर बैठे ठाले
उनको सिंहासन से खींचो,तुम भी सिंह- आसन वाली हो।
तुम माता शेराँ वाली हो, तुम मॉं दुर्गा हो, काली हो।

सदियों से होता जुल्म रहा, सदियों से जारी जंग रही,
सदियों से औरत मर्दों के हाथों होती है तंग रही,
सब आन, बान, मर्यादायें मर्दों ने औरत पर थोपी,
इन घेरों से बाहर निकलों, तुम मुक्त हवाओं वाली हो ।
तुम माता शेराँ वाली हो, तुम मॉं दुर्गा हो, काली हो।

तुम आम आदमी का सपना,आशा हो सारी जनता की
एक नई इबारत लिखनी है तुमको मुक्ति की, समता की,
जिसमें न जाति, लिंग, धर्म के भेदभाव को जगह मिले,
सबको मौका हो बढने का, सबके चेहरे पर  लाली हो .
तुम माता शेराँ वाली हो, तुम मॉं दुर्गा हो, काली हो।

تم ڈرنا مت هےوانو سے تم رانی جھسي والی ہو،یہ كاير، ظالم، لپھگے ہیں تم م درگا ہو، کالی ہو.ان کے ہاتھوں میں چاقو ہے، ان کے ہاتھوں میں ڈنڈے ہیں،یہ گنڈے اور موالی ہیں، یہ آوارہ، مسٹنڈے ہیں،یہ عام آدمی کے دشمن، یہ خون کے بیج، نركاسر ہیں،تو شریر دلن کر خون پان تیرا كھپپر کیوں خالی ہو.جو اناپسندی سے شيش تان الٹے سیدھے دیتے بیان،ان کا دھڈ سے دو شيش کاٹ، یا کاٹ الگ کر دو زبان،دريودھن، دشاسن والے، تخت پر بیٹھے ٹھالےان کو تخت سے كھيچو، تم بھی سنگھ - آسن والی ہو.صدیوں سے ہوتا ظلم رہا، صدیوں سے جاری جنگ رہی،صدیوں سے عورت مردوں کے ہاتھوں ہوتی ہے تنگ رہی،سب آن، بان، مريادايے مردوں نے عورت پر تھوپي،ان گھےرو سے باہر نكلو، تم آزاد ہواؤں والی ہو.تم عام آدمی کا خواب، امید ہو ساری عوام کیایک نئی عبارت لكھني ہے تم کو نجات کی سمتا کی،جس میں نہ ذات، جنس، مذہب کے تعصب کو جگہ ملے،سب کو موقع ہو بڈھنے کا، سب کے چہرے پر لالی ہو.



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