मंगलवार, 19 नवंबर 2019

किसने मुझे मारा है मैं देख नहीं सकता
पर देख वो सकता था जिसने मुझे मारा है |
आँखें नहीं मिली पर मुझको जुबां मिली है
बेख़ौफ़ मैं कहता हूँ,ये देश हमारा है |

इस देश के आईन ने ये हमको दिया हक़ है
जो मांग होगी जायज उसके लिए लड़ेंगे |
ये लाठियाँ पुलिस की ना हमको रोक सकती
हम लाठियों के आगे सर तान के अड़ेंगे |

पढ़ने के लिए हम तो हर हाल में लड़ेंगे
और इसलिए पढ़ेंगे अन्याय से लड़ें हम |
आँखों के हम हैं अंधें तुम अक्ल के अंधें हो
तुम जिद पे अड़े अपनी देखेंगे है कितना दम|








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