तुमने कपड़ों की ही पहचान करी है अब तक
हमने किरदार से पहचान लिया है तुमको I
लश्कर ए तैयबा हिज्बुल मुजाहिदीन नहीं
सबका सरदार हमने मान लिया है तुमको I
बाज बैठा सामने है, सोच पर पहरा घना है,
किस तरह से फिर परिन्दा चहचहाये जोर से।
बात इतनी सी समझना कौन भारी बात है?
इक नज़र उसको ज़रा तुम देख तो लो गौर से ।
टिम टिमा रही दीपिका इधर, उस ओर दिया है बुझा हुआ
इस ओर रौशनी प्रखर हुई,उस ओर अन्धेरा घना हुआI
तम में घिरते गिरते पड़ते कीचड में सनते जाते वे
इस ओर बगावत का झंडा ऊंचा दिखता है तना हुआ I
हमने किरदार से पहचान लिया है तुमको I
लश्कर ए तैयबा हिज्बुल मुजाहिदीन नहीं
सबका सरदार हमने मान लिया है तुमको I
बाज बैठा सामने है, सोच पर पहरा घना है,
किस तरह से फिर परिन्दा चहचहाये जोर से।
बात इतनी सी समझना कौन भारी बात है?
इक नज़र उसको ज़रा तुम देख तो लो गौर से ।
टिम टिमा रही दीपिका इधर, उस ओर दिया है बुझा हुआ
इस ओर रौशनी प्रखर हुई,उस ओर अन्धेरा घना हुआI
तम में घिरते गिरते पड़ते कीचड में सनते जाते वे
इस ओर बगावत का झंडा ऊंचा दिखता है तना हुआ I
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