सुनो दिलजानी, मेरे दिल की कहानी तुम
दस्त ही बिकानी बदनामी भी सहूँगी मैं
देवपूजा ठानी मैं निमाज हूँ भुलानी
तजे कलमा कुरान सारे गुनन गहूँगी मैं
श्यामला सलोना सिरताज सिर कुल्ले दिये
तेरे नेह दाग में निदान है, दहूँगी मैं
नंद के कुमार कुर्बान तेरी सूरत पै
हौं तो तुरकानी हिंदुआनी ही रहूँगी मैं
--------- ताज
नाम तिहारो सुनौ जग में तुम गोकुल के ठग हो हम जानी,
सालस हौ अपने मन में चितचोर घने सौं अवै हम ठानी,
हेत बड़ी हम सौं जुकियो छवि ताज गुनै इत लाल सुज्ञानी
बैन बजावत हूँ सुनियो तुक चारहिं आदि के अक्षर बानी
--------- ताज
छैल जो छबीला, सब रंग में रंगीला
बड़ा चित्त का अड़ीला, कहूं देवतों से
न्यारा है।
माल गले सोहै, नाक-मोती सेत जो है
कान,
कुण्डल मन मोहै, लाल मुकुट सिर
धारा है।
दुष्टजन मारे, सब संत जो उबारे ताज,
चित्त में निहारे प्रन, प्रीति करन
वारा है।
नन्दजू का प्यारा, जिन कंस
को पछारा,
वह वृन्दावन वारा, कृष्ण साहेब
हमारा है।।
बड़ा चित्त का अड़ीला, कहूं देवतों से
न्यारा है।
माल गले सोहै, नाक-मोती सेत जो है
कान,
कुण्डल मन मोहै, लाल मुकुट सिर
धारा है।
दुष्टजन मारे, सब संत जो उबारे ताज,
चित्त में निहारे प्रन, प्रीति करन
वारा है।
नन्दजू का प्यारा, जिन कंस
को पछारा,
वह वृन्दावन वारा, कृष्ण साहेब
हमारा है।।
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