मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

होली

पता करो दारू का रिश्ता कब से जुड़ता होली से
पता करो कब भांग चढ़ी थी, आँख लड़ी थी भोली से |
पता करो कब से देवर है भौजाई के चक्कर में
और कब से भौजाई बैठी भरे थाल रंग रोली से |


दिन हप्तों की बात नहीं ना बात महीनों सालों की
ये सदियों से रही रिवायत छूट रही घरवालों की |
होली के दिन मस्त रहें हम झूमें नाचें चिल्लायें
जो भौजाई बात करे ना खैर मना ले गालों की |

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें