पता करो दारू का रिश्ता कब से जुड़ता होली से
पता करो कब भांग चढ़ी थी, आँख लड़ी थी भोली से |
पता करो कब से देवर है भौजाई के चक्कर में
और कब से भौजाई बैठी भरे थाल रंग रोली से |
पता करो कब भांग चढ़ी थी, आँख लड़ी थी भोली से |
पता करो कब से देवर है भौजाई के चक्कर में
और कब से भौजाई बैठी भरे थाल रंग रोली से |
दिन हप्तों की बात नहीं ना बात महीनों सालों की
ये सदियों से रही रिवायत छूट रही घरवालों की |
होली के दिन मस्त रहें हम झूमें नाचें चिल्लायें
जो भौजाई बात करे ना खैर मना ले गालों की |
ये सदियों से रही रिवायत छूट रही घरवालों की |
होली के दिन मस्त रहें हम झूमें नाचें चिल्लायें
जो भौजाई बात करे ना खैर मना ले गालों की |
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