जलेस मेरठ جلیس میرٹھ
जनवादी लेखक संघ मेरठ جناوادئ لکھاک سنگھ میرٹھ
शनिवार, 4 अप्रैल 2020
ना दर देखा ना घर देखा बड़े बुत का ना सर देखा
इधर भी आके जालिम ने मुसलमां का हुनर देखा।
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