गुरुवार, 20 अगस्त 2020

 



इसी जन्म में,

इस जीवन में,
हमको तुमको मान मिलेगा।
गीतों की खेती करने को,
पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा।

क्लेश जहाँ है,
फूल खिलेगा,
हमको तुमको ज्ञान मिलेगा।
फूलों की खेती करने को,
पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा।

दीप बुझे हैं
जिन आँखों के,
उन आँखों को ज्ञान मिलेगा।
विद्या की खेती करने को,
पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा।

मैं कहता हूँ,
फिर कहता हूँ,
हमको तुमको प्राण मिलेगा।
मोरों-सा नर्तन करने को,
पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा।
-------  केदारनाथ अग्रवाल

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