जलेस मेरठ جلیس میرٹھ
जनवादी लेखक संघ मेरठ جناوادئ لکھاک سنگھ میرٹھ
बुधवार, 12 अगस्त 2020
भोपाल से बोलो, कभी इंदौर से बोलो
हिम्मत है तो बीवी से कभी जोर से बोलो |
एक हाथ में कूबड़ अभी हो जाएगा सीधा
मुंह बार बार ऊंट सा तुम और ना खोलो |
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें