गुरुवार, 6 अगस्त 2020

कभी मंदिर बनाते हैं, कभी मस्जिद बनाते हैं सियासत करने वाले जब भी अपनी जिद पे आते हैं | हमारी तो समझ में बात बस इतनी सी आई है जो इनको ताज देता है ये उसका घर बनाते हैं |

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें