प्रदीप त्यागी 'सरावा'
बातें प्यारी प्यारी रख,
हलकी मत रख भारी रख |
मिलना जुलना सबसे कर,
जेहन में दुनियादारी रख |
लहजे में मीठा हो जा ,
इतना भी आराम न कर ,
कुछ तो मारामारी रख |
हाल तेरा पूछे कोई,
ऐसी एक बीमारी रख |
जंग बुरी है मान लिया,
फिर भी तू तैयारी रख |
मंजिल भी मिल जायेगी,
मन में कृष्ण मुरारी रख |
कोई 'सरावा' कुछ न सुने,
फिर भी कहना जारी रख |
एक सदाबहार व्यक्तित्व के स्वामी , सबसे मुस्कराकर मिलाना जिनकी ख़ास पहचान है | साथ ही यह भी ख़ास पहचान है कि अपनी कविताओं में बड़ी सहजता के साथ विभिन्न रंग बड़े विश्वास के साथ सजाकर ऐसे प्रस्तुत करते हैं कि सुनने पढ़ने वाला बरबस वाह कह उठता है | ' सरावा' जी की गजल देखें |
बातें प्यारी प्यारी रख,
हलकी मत रख भारी रख |
मिलना जुलना सबसे कर,
जेहन में दुनियादारी रख |
लहजे में मीठा हो जा ,
हाथ में छुरी, कटारी रख |
इतना भी आराम न कर ,
कुछ तो मारामारी रख |
हाल तेरा पूछे कोई,
ऐसी एक बीमारी रख |
जंग बुरी है मान लिया,
फिर भी तू तैयारी रख |
मंजिल भी मिल जायेगी,
मन में कृष्ण मुरारी रख |
कोई 'सरावा' कुछ न सुने,
फिर भी कहना जारी रख |