
‘‘बालू कण’’
मैं छोटा सा बालू कण हूँ जलधारा में बहने वाला।
मैंने देखा इस दुनिया में जीवन कितने ही रंगवाला।।
कभी वक्त था पर्वत की चोटी पर जब मेरा आसन था,
ऋषि, मुनि या महाराजा के गौरव से आपूरित मन था।
बादल दूर कहीं सागर से आकर अर्ध्य चढाते मुझ पर,
मेरे माथे तिलक लगाता सूरज नित्य सुबह ही उठकर।
मंगलगान सुनाया करते उडते पंछी नील गगन में,
बिजली नृत्य दिखाया करती आकर मुझको नित्य निराला।१|
सारी दुनियॉं कदमो में है, मैं स्वामि हूँ , मैं ईश्वर हूँ।
खिलते फूल, ठुमकते झरने मेरे लिये बने हैं भूपर,
मेरे लिये जन्म लेते हैं ये हरियाले पौधे सुन्दर ।
ये सारा वैभव मेरा है, मैं सारी दुनिया का मालिक,
यही रात दिन रहता मन में ये न कभी भी मिटने वाला।2।
लेकिन फिजां बदल गयी सारी वह तूफान उठा धरती पर,
लाल लाल आकाश हो गया थर्रा उठा अडिग ये भूधर ।
टूट पडी नागिन सी बिजली उलट गया मेरा सिंहासन
खण्ड-खण्ड हो लगा बिखरने फिर विशाल फौलादी निज तन।
लुढक था चोटी पर से चीख पुकार मदद की करता,
लेकिन कोई पास न आया ज्ञात हुआ मैं निपट अकेला।3।
देवालय में प्रतिष्ठित कर जिसकी जग पूजा करता है।
भक्त लोग जिसके चरणों में फूल चढाकर शीश नवाते
प्रेमी जन जिसकी पूजा कर आशीर्वाद मिलन का पाते।
देवदासी जिसके ऑंगन में नाचा करती छम छम छम
जिसे पुजारी बतलाता है सारे ही जग का रखवाला।4।
वह कितना सम्मानित जग में और मैं कितना अपमानित हूँ,
तट पर टिकने की कौशिश की लेकिन उसने भी दुत्कारा,
जहरीले जीवों संग रहकर जीवन मेरा बीता सारा।
अब तो सागर में मिलना है बची जिंदगी थोड़ी बाकी
सूरज डूब चुका है कब का, नहीं दीखता कहीं उजाला ।5।
तट पर कोई चिता जलती जब लग जाता तब मैं भी रोने,
और कभी जब मेला लगता, बजने लगते ढोल मजीरे,
आदिवासी नाचा करते आकर जब नदिया के तीरे ।
यहीं किसी झुरमुट में छुपकर युवा युगल बातें करता जब,
मेरा भी मन मचला करता, साथ निभाती कोई बाला |६|
लेकिन उमर गुजर गयी सारी, अब तक मिला न कोई साथी,
क्यों न किसी का प्यार मिला है बात न मेरी समझ में आती।
अब तो वक्त बचा है थोडा, पास ही लहराता वह सागर,
जिसमें मुझको खो जाना है, अपनी सब पहचान मिटाकर।
फिर क्या कोई याद करेगा मैं रहता था कभी शिखर पर,
मैं तो केवल कहलाउगां सागर तल में रहने वाला ।7।





अरे वाह, बहुत अच्छी लिखी है।
जवाब देंहटाएंbalu kan ko jeevantta pradan kar ek sadharan man me uthhne vale bhavon ka sundar chtran kiya hai aapne .aabhar
जवाब देंहटाएंकविता के साथ उसके भाव भी अच्छे हैं.
जवाब देंहटाएं