तुम वीर, देशभक्त हो, आदर्श हमारे,
जुग-2 जियो खुशहाल रहो अन्ना हजारे |
आंधी में जलाया है जो दीपक न बुझेगा,
ये रूप ये संकल्प जमाने में पुजेगा,
गांधी की तरह तुम कभी हिम्मत नहीं हारे |
करता है कौन देश की परवाह आजकल,
तुम चल पड़े तो चल पड़ा सेनानियों का दल,
टूटे हैं भ्रष्टाचार के मजबूत सहारे |
आवाज युवाओं ने मिलाई है साथ में,
अब डोर एकता की आ गयी है हाथ में,
लगता है कि हो जायेंगे गुरबत में गुजारे |
रैली करो अनशन करो परिणाम चाहिये,
अब मुक्त लूटपाट से आवाम चाहिये,
संघर्ष में है सारा वतन साथ तुम्हारे |
तुम कर्मशील और हो कर्तव्य परायण,
एक हाथ में गीता लिए एक हाथ रामायण,
तुमने लगाए वन्दे मातरम के ही नारे |
जुग-2 जियो खुशहाल रहो अन्ना हजारे |
आंधी में जलाया है जो दीपक न बुझेगा,
ये रूप ये संकल्प जमाने में पुजेगा,
गांधी की तरह तुम कभी हिम्मत नहीं हारे |
करता है कौन देश की परवाह आजकल,
तुम चल पड़े तो चल पड़ा सेनानियों का दल,
टूटे हैं भ्रष्टाचार के मजबूत सहारे |
आवाज युवाओं ने मिलाई है साथ में,
अब डोर एकता की आ गयी है हाथ में,
लगता है कि हो जायेंगे गुरबत में गुजारे |
रैली करो अनशन करो परिणाम चाहिये,
अब मुक्त लूटपाट से आवाम चाहिये,
संघर्ष में है सारा वतन साथ तुम्हारे |
तुम कर्मशील और हो कर्तव्य परायण,
एक हाथ में गीता लिए एक हाथ रामायण,
तुमने लगाए वन्दे मातरम के ही नारे |



बहुत सुन्दर रचना है...
जवाब देंहटाएंगंभीर जी को बधाई