वह कहता है, उसको रोटी कपडा चाहिये,
बस इतना ही नहीं, उसको न्याय भी चाहिये,
इस पर से उसको सचमुच आजादी चाहिये। उसको फॉंसी दे दो।
वह कहता है उसको हमेशा काम चाहिये,
सिर्फ काम ही नहीं काम का फल भी चाहिये,
काम और फल पर बेरोक टोक दखल चाहिये। उसको फॉंसी दे दो।
वह कहता है कोरा भाषण नहीं चाहिये,
झूठे वायदे,हिंसा का शासन नहीं चाहिये,
भूखे नंगे लौगों की जलती छाती पर,
नकली जनतंत्री सिंहासन नहीं चाहिये। उसको फॉंसी दे दो।
वह कहता है अब वह सबके साथ चलेगा,
वह शोषण पर टिकी व्यवस्था को बदलेगा,
किसी विदेशी ताकत से वह मिला हुआ है,
उसको इस गद्दारी का फल तुरत मिलेगा।
आओ देशभक्त जल्लादो,
पूँजी के विश्वस्त प्यादों।
उसको फॉंसी दे दो।
-गोरख पाण्डेय

وركھ پاڈےي

وركھ پاڈےي
وہ کہتا ہے ، اس کو روٹی كپڈا چاہیے ،
بس اتنا ہی نہیں ، اس کو انصاف بھی چاہئے ،
اس پر سے اس کو سچ مچ آزادی چاہیے. اس کو پھسي دے دو.
وہ کہتا ہے اس کو ہمیشہ کام چاہیے ،
صرف کام ہی نہیں کام کا پھل بھی چاہیے ،
کام اور پھل پر بےروك ٹوک دخل چاہیے. اس کو پھسي دے دو.
وہ کہتا ہے كورا تقریر نہیں چاہیے ،
جھوٹے وعدے ، تشدد کا حکومت نہیں چاہیے ،
بھوکے ننگے لوگو کی جلتی چھاتی پر ،
نقلی جنتتري تخت نہیں چاہیے. اس کو پھسي دے دو.
وہ کہتا ہے اب وہ سب کے ساتھ چلے گا ،
وہ استحصال پر ٹکی نظام کو تبدیل ،
کسی غیر ملکی طاقت سے وہ ملا ہوا ہے ،
اس کو اس غداری کا پھل فوری ملے گا.
آؤ دےشبھكت جللادو ،
فنڈز کو کے معتبر پيادو.
اس کو پھسي دے دو.
1-great bro
जवाब देंहटाएं-Usman Munir lahor
2-इस कविता पर वाह नहीं आह निकलती है ....
-Danda Lakhnavi
3- इस कविता पर वाह नहीं आह निकलती है .
-Ganesh Gupta sachmuch
1:-Nice.
जवाब देंहटाएं-नीतू राणा
2:-वाकई हकीकत है आज की
- अंशु सोम