गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

प्रेम का परसाद


                पाकिस्तान की मुख्तारन माई का किस्सा आपको  याद है ? नहीं याद होगा | पाकिस्तान के
बलूचिस्तान  प्रांत में एक लड़का एक लड़की को  लेकर फरार हो गया | दोनों प्यार करते  थे  | घर  से भाग गए | लड़का  था निम्न तबके का और लड़की जमींदारों के परिवार की थी |  कबीलाई सरदारों की इज्जत पर जैसे किसी नेहाथ  डाल दिया  हो| वे  बोखला  उठे  | उन्होंने  लडके के घर पर धावा बोलकर  लडके की छोटी बहिन को घर से खींच निकाला और खींच कर पंचायत में ले आये | पंचों ने फैसला सुनाया इज्जत का बदला इज्जत से लिया जाए | बस फिरक्या  था लडके के  परिवार के चार  अधेड़ पुरुष पंचायत से ही लड़की को अन्दर कमरे में खींच ले गए और उसके  साथ बारी बारी से बलात्कार कर अपनी बेइज्जती का  बदला ले लिया |

                मेरठ में प्रेम दिवस वेलेंटाई  डे पर पूरी तरह तो नहीं लेकिन  लगभग वैसा   ही वाकया  घटित हुआ | एक युवती का एक युवक से मिलना जुलना  था |13 फरवरी 2012 को युवती युवक के साथ फरार हो गयी | युवती केपरिजनों  ने युवक के रिश्ते की भाभी  को अपने घर बुलाकर मारा पीटा और सारी रात उलटा लटकाये रखा  | सुबह  छूटने  पर जब वह थाने  में उनके खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए  जा   रही थी तो लड़के के परिजनों ने उसे फिर रास्ते से रोककर  मारा पिटा और  उसके गले में जूते चप्पलों की माला डालकर पूरी कालोनी में घुमाया |उनका आरोप था कि उन्होंने लड़की का विवाह  उसके देवर के साथ करने से मना कर दिया था, फिर भी ये औरत अपने देवर से लड़की को अपने घर पर मिलवाती रही और साजिश  कर लड़की को भगवा दिया | किसी नेउन्हें रोकने टोकने को कौशिश नहीं की और ये अनाचार  सरेआम  जारी रहा |फेंटम पुलिस  के सिपाही मौके पर पहुंचे तो उन्होंने भी पीड़ित स्त्री  को ही बेइज्जत  किया| उसे बाल पकड़कर सड़क पर घसीटते  रहे | स्थानीय
थानाध्यक्ष ने जाकर दोनों पक्षों को गिरप्तार  किया और पीड़ित  महिला के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेज दिया ||
      पहली घटना पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की है जो अपने कबीलाई रीति  रिवाजों के लिये जाना  जाता  है | ये ऐसा इलाका है जिस पर अंग्रेंजों का भी कोई जोर नहीं चलता था तथा  जो अभी भी अपने परंपरागत
रीती रिवाजों और फैसलों को मानता है| किसी हकुँमत के ऐसे किसी हुकुम की परवाह नहीं करता जो उसके कबीलाई रिवाजों में हस्तक्षेप करते हों | दूसरी घटना प्रगतिशील और लोकतांत्रिक भारत के 'एजुकेशन हब' कहे जाने वाले मेरठ की है | दोनों जगह के लोगों की संकीर्ण  मानसिकता में कहीं कोई फर्क नजरनहीं आता है ? कोई फर्क नहीं है | औरत सब जगह दबंगों से आतंकित और असुरक्षित है | ये वही क्षेत्र है जो ओनर किलिंग  के लिए जाना है, जहां वेलन्तायी डे तो क्या हर  दिन प्रेमीजन अपमानित होते हैं | जहां साईकिल टकराने पर दो समुदाय आपस में सर और बम  फोड़ने  पर उतारू हो जाते हैं | जहां प्रेम की गंगा बहाने की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन जहां वोटों के लिए  नफ़रत की फसल आसानी से उगाई जाती है | जहां साझे में मीट का कारोबार और कमेले की राजनीति चलती रहती है | जहां के मंत्री मोहम्मद  सहाब का  कार्टून बनाने  वाले डेनिस  कार्टूनिस्ट का सर कलम करने वाले को एक करोड़  रपये और एक किलो सोना देने का ऐलान  कर विश्व विख्यात  हो जाते हैं| क्या ये इक्कीसवीं सदी का भारत है? इससे तो प्राचीन भारत महान था | वो भारत जहां 
श्रीकृष्ण भगवान ने अपनी बहिन सुभद्रा को अपने सखा अर्जुन से प्रेम विवाह करने के लिए पलायन हेतु मदद दी थी|  वहाँ आज प्रेम के अपराध में सरेआम एक स्त्री को बेइज्जत किया जाता है और सब मूक सहयोगी बने रहते हैं| क्या स्त्री का सम्मान बचाने के लिए हम किसी श्रीकृष्ण के अवतार लेने  की बाट देख ने के आदी हो गए हैं या स्वयं  भी कुछ करेगें |

پاکستان کی مكھتارن مائی کا قصہ آپ کو یاد ہے؟ نہیں یاد ہوگا | پاکستان کےصوبہ بلوچستان میں ایک لڑکا ایک لڑکی کو لے کر فرار ہو گیا | دونوںپیار کرتے تھے | گھر سے بھاگ گئے | لڑکا تھا مندرجہ ذیل طبقے کا اور لڑکیزمینداروں کے خاندان کی تھی | قبائلی سرداروں کی عزت پر جیسے کسی نےہاتھ ڈال دیا ہو | وہ بوكھلا اٹھے | انہوں نے لڑکے کے گھر پر دھاوابول کر لڑکے کی چھوٹی بہن کو گھر سے کھینچ نکالا اور کھینچ کر پنچایت میں لےآئے | پچو نے فیصلہ سنایا عزت کا بدلہ عزت سے لیا جائے | بس پھرکیا تھا لڑکے کے خاندان کے چار ادھیڑ مرد پنچایت سے ہی لڑکی کو اندرکمرے میں کھینچ لے گئے اور اس کے ساتھ باری باری سے عصمت دری کر اپنیبےججتي کا بدلہ لے لیا |


                      
میرٹھ میں محبت کے دن وےلےٹاي ڈے پر پوری طرح تونہیں لیکن تقریبا ویسا ہی واقعہ پیش ہوا | ایک لڑکی کا ایک نوجوان سےملنا جلنا تھا | فروری کو لڑکی نوجوان کے ساتھ فرار ہو گئی | لڑکی کےاہل خانہ نے نوجوان کے رشتے کی بھابھی کو اپنے گھر بلا کر مارا پیٹا اور ساریرات الٹا لٹكايے رکھا | صبح چھوٹنے پر جب وہ تھانے میں ان کے خلافرپورٹ کرنے کے لئے جا رہی تھی تو لڑکے کے اہل خانہ نے اسے پھرراستے سے روک کر مارا پٹا اور اس کے گلے میں جوتے چپپلو کی مالا ڈال کرپوری کالونی میں گھمایا | ان کا الزام تھا کہ انہوں نے لڑکی کی شادی اس کےدیور کے ساتھ کرنے سے انکار کر دیا تھا، پھر بھی یہ عورت اپنے دیور سے لڑکیکو اپنے گھر پر ملواتي رہی اور سازش کر لڑکی کو بھگوا دیا | کسی نےانہیں روکنے ٹوكنے کو كوشش نہیں کی اور یہ اناچار سرعام جاری رہا |پھےٹم پولیس کے سپاہی موقع پر پہنچے تو انہوں نے بھی متاثرہ عورت کوہی بےججت کیا | اسے بال پکڑ کر سڑک پر گھسیٹتے رہے | مقامیتھانہ انچارج نے جا کر دونوں فریقوں کو گرپتار کیا اور متاثرہ خاتون کےخلاف ہی رپورٹ درج کر کے اسے جیل بھیج دیا | |
      
پہلا واقعہ پاکستان کے صوبہ بلوچستان کی ہے جو اپنے قبائلیطرح سمجھ لو کے لیے جانا جاتا ہے | یہ ایسا علاقہ ہے جس پراگرےجو کا بھی کوئی زور نہیں چلتا تھا اور جو اب بھی اپنے روایتیريتي سمجھ لو اور فیصلوں کو مانتا ہے | کسی هكمت کے ایسے کسی حکم کیپرواہ نہیں کرتا جو اس کے قبائلی سمجھ لو میں مداخلت کرتے ہوں | دوسریواقعہ ترقی پسند اور جمہوری بھارت کے 'ایجوکیشن هب' کہے جانے والے میرٹھکی ہے | دونوں جگہ کے لوگوں کی تنگ ذہنیت میں کہیں کوئی فرق نظرنہیں آتا ہے؟ کوئی فرق نہیں ہے | عورت سب جگہ دبگو سے دہشت زدہ اور غیر محفوظہے | یہ وہی علاقہ ہے جو اونر کلنگ کے لئے جانا ہے، جہاں وےلنتاييڈے تو کیا ہر دن پرےميجن بے عزت ہوتے ہیں | جہاں سائیکل ٹکرانے پردو فرقے آپس میں سر اور بم پھوڑنے پر آمادہ ہو جاتے ہیں | جہاں محبتکی گنگا بہانے کی سب سے زیادہ ضرورت ہے لیکن جہاں ووٹوں کے لئے نفرتکی فصل آسانی سے اگاي جاتی ہے | جہاں مشترکہ میں میٹ کا کاروبار اور كمےلےکی سیاست چلتی رہتی ہے | جہاں کے وزیر محمد سهاب کا کارٹونبنانے والے ڈینس کارٹونسٹ کا سر قلم کرنے والے کو ایک کروڑ رپيےاور ایک کلو سونا دینے کا اعلان کر عالمی مشہور ہو جاتے ہیں | کیا یہاکیسویں صدی کا بھارت ہے؟ اس سے تو قدیم بھارت عظیم تھا | وہ بھارت جہاں
 
شری کرشن بھگوان نے اپنی بہن سبودھرا کو اپنے دوست ارجن سے محبتشادی کرنے کے لئے نقل مکانی کے لئے مدد دی تھی | وہاں آج محبت کے جرم میں سرعام ایک عورتکو بےججت کیا جاتا ہے اور سب خاموش ساتھی بنے رہتے ہیں | کیا بیوی کاعزت بچانے کے لئے ہم کسی شری کرشن کے اوتار لینے کی راہ دیکھ نے کے عادی ہو گئے ہیںیا خود بھی کچھ کریں گے |

                                                 

5 टिप्‍पणियां:

  1. इस सार्थक प्रविष्टि के लिए बधाई स्वीकार करें.

    मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारें.

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  2. आपकी विस्तृत टिपण्णी पढ़कर बहुत ख़ुशी हुयी | ये बड़ा सवेंदनशील मुद्दा है और इसमें सहमति और असहमति के अनेक बिंदु हो सकते हैं | सीता हमारी संसकर्ति और इतिहास की सबसे दयनीय नारी है| वो कभी प्रतिरोध नहीं कराती | अपने जन्म से मरण तक अत्याचार सहती है लेकिन उसके बाद कृष्ण के युग में जब द्रोपदी पर ऐसा अत्याचार होता है तो महाभारत हो जाता है |

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  3. बहुत अच्छा लिखा है , जिन अत्याचारों का जिक्र है , वो वाकई शर्मनाक हैं और बिलकुल नहीं होने चाहियें थे . लेकिन चूँकि तसवीर के दो रुख होते हैं , इसलिए दूसरा रुख -

    श्रीकृष्ण भगवान ने अपनी बहिन सुभद्रा को अपने सखा अर्जुन से प्रेम विवाह करने में मदद दी थी| इस में एक बड़ा अहम् लफ्ज़ है `विवाह'. २१वि सदी के भारत में प्रेम का मतलब `विवाह ` नहीं रह गया है , लोग सिर्फ मज़े के लिए पार्टनर्स बदल रहे हैं , अधिकतर प्रेम विवाहों का अंजाम भी ज्यादा सुखद नहीं रहा है .

    फिर हम इंसानी मानसिकता को भी नेगलेक्ट [खारिज] नहीं कर सकते हैं ; जब 21 सदी के जोश में हम ` प्रेम `और `एक्स्ट्रा मरितल [विवाहेत्तर सम्न्बंध ]` रिश्तों को जायज़ थराने में लगे हैं , तो हम ध्यान रखें की ज़्यादातर मर्द या औरत अपने साथी के दुसरे रिश्ते को ले कर जेओलोउस फील [इर्ष्या भाव ]करे बघिर नहीं रह सकते , २१वी सदी यहाँ दिवोर्सस [तलाक ] को भी बड़ी कॉमन बना देती है .

    २१वी सदी राम और सीता जैसे इदेअल्स [आदर्श ] को कहाँ रखती है ये आप सोच लें .

    एक आखरी बात ; ये कौन सा प्यार है जिसके फुतुरे [भविष्य ] की तो कोई गारंटी है ही नहीं लेकिन जिसके लिए पैदा करने वाली माँ और साथ में मिल कर पालने वाले बाप और परिवार के रिश्तों का प्यार और कुर्बानियां छोटी हो जाती हैं .

    मैंने तस्वीर का दूसरा रुख सामने रख दिया है . इ थिंक नो वे अरे बलंसद .
    -सितावत अहमद

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  4. नवीन सिंह बदलेगा इन्सान जमाना देखेगा
    जागेगा इन्सान जमाना देखेगा
    मई इस उम्मीद के साथ ये लिख रहा हूँ के समाज को एक दिन ज़रूर अहसास होगा के हम गलत रस्ते पे आ गए हैं ....
    19 hours ago · Unlike · 2

    स्वाति शिंह - कर्म तो है बेशर्मो जैसे करते हो बात बात पर स्त्री (लड़की ,महिला ) का अपमान ..
    और जो खो देते हो बछि हुई शर्म तो कहते हो "मेरा भारत महान"!!
    16 hours ago · Unlike · 2

    सुधाकर आशावादी शर्मा ज़रूर बलवा कराकर मानोगे ....खरी खरी के लिए बधाई तो देनी ही पड़ेगी
    15 hours ago · Like · 2

    कुमार पंकज बेबाक. सटीक..और निर्भीक अभिव्यक्ति के लिए बधाई......मैं सहमति में अपना हाथ ऊपर उठता हूँ.....
    14 hours ago · Unlike · 2

    गिरिजेश तिवारी मेरा भी हाथ समर्थन में उठा है , और बधाई तो तहे -दिल से दे रहा हूँ .
    14 hours ago · Unlike · 1
    Amarnath Madhur तुम अगर साथ देने का वादा करो मैं यूँ ही .........|
    a few seconds ago · Like

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