शनिवार, 18 अगस्त 2012

पूर्वोत्तर के युवाओं के नाम



अभी न जाओ दोस्तों, ये दिल बहुत उदास है
अभी जरा समझ तो लूँ कि कौन गैर, ख़ास है.

अभी हवा जहर भरी चली जरा ठहरने दो
अभी फिजां  में धुँध है सहर जरा निखरने दो
अभी तो कुछ पता नहीं इधर है कौन है उधर
अभी अंधेरी रात का नकाब तुम उतरने दो

हमें भी  देख लेने दो  गुनाहगार  कौन  है
तुम्हारी मुश्किलों का हल जरूर अपने पास है


यकीन हम पे तुम करो तुम्हारे साथ हैं खड़े
तुम्हारे साथ हैं हमारे दोस्तों के सब धड़े .
तुम्हें करें जो तंग अगर या देखते हों बद नजर
उन्हें करेगें ठीक हम वो चाहे जितने हों बड़े.

ये देश है हमारा  भी  ये  देश है तुम्हारा भी
उन्हीं का देश हैं नहीं,दिलों में जिनके फांस है .

चले गए अगर यहाँ से तुम मुझे यूँ छोड़कर
पुकार मेरी बिन सुने तड़फते दिल को तोड़कर.
कहूँगा कैसे मीत मैं, ये सारा मुल्क  एक है
नदी, पहाड़ से नहीं, बना दिलों को जोड़कर .














न जाओ मुंह को मोड़कर चले भी आओ दौड़कर
तुम्हारे दिल के दर्द की दवा हमारे पास है .

                                -अमरनाथ 'मधुर'
                               दिनांक:  18-08-12


ابھی نہ جاؤ دوستوں، یہ دل بہت اداس ہے
ابھی ذرا سمجھ تو لوں کہ کون غیر خاص ہے.

ابھی ہوا زہر بھری چلی ذرا قیام دو
ابھی پھجا میں دھدھ ہے ذرا سحر نكھرنے دو
ابھی تو کچھ پتہ نہیں ادھر ہے کون ہے ادھر
ابھی اندھیری رات کا نكاب تم اترنے دو

ہمیں بھی تو دیکھ لینے دو گناہ گار کون ہے
تمہاری مشکلات کا حل ضرور اپنے پاس ہے

یقین ہم پہ تم کرو تمہارے ساتھ ہیں کھڑے
تمہارے ساتھ ہیں ہمارے دوستوں کے سب دھڑے
تمہیں لوڈ، اتارنا جو تنگ اگر یا دیکھتے ہوں بد نظر
انہیں گے ٹھیک ہم وہ چاہے جتنے ہوں بڑے

یہ ملک ہے ہمارا بھی یہ ملک ہے تمہارا بھی
انہیں کا ملک ہیں نہیں، ہے جن کے دل میں پھاس ہے.

چلے گئے اگر یہاں سے تم مجھے یوں چھوڑ کر
پکار میری بن سنے تڑپھتے دل کو توڑ کر
خیال کیسے ميت میں، یہ سارا ملک ایک ہے
دریا پہاڑ سے نہیں، بنا دلوں کو جوڑ کر

نہ جاؤ منہ کو موڑكر چلے بھی آؤ دوڑ کر
مایوس ہونا تم نہیں ابھی بہت ساش ہے.

                                - امرناتھ 'مدھر'
                              تاریخ: 18-08-12

2 टिप्‍पणियां:

  1. 1-अमर शंकर प्रभात - न जाओ हमें छोड़ के ....
    भारत को टुकड़ों में तोड़ के ....


    2-अजय दहके - सुन्दर ..


    3-अनिल गर्ग - ‎अमरनाथ जी ,वक़्त का यही तकाजा है . हम सभी का यही फ़र्ज़ बनता है .


    निशित पाठक - बहुत उम्दा... लिखे


    4-संजोग वाल्टर - आपने सही कहा


    5-शेखर रमेश बरोला - बेडा गरक हो इन लोगो का .....


    6-संजोग वाल्टर - यह सब देखकर.और 17 अगस्त को जो लखनऊ में हुआ यही महसूस हो रहा है की अहमकों की जन्नत में हैं हम लोग


    7-अहमद कमल सिद्दीकी - बेहतरीन ,ये नज़्म नहीं एक दस्तावेज़ है .....मरहम है ,आवाज़ है ,,शायेद उन अन्धों तक पहुंचे ,उन बहरों को सुनायी दे ..जो देश को तोड़ रहे हैं .....

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  2. Shishir Singh
    वाया ट्रेन गुवाहटी से बंगलौर पहुँचने के तीन रास्ते हैं,
    एक विजयवाड़ा से
    दूसरा हावड़ा से
    और तीसरा चेन्नई सेंट्रल से

    सड़क मार्ग से भी आने पर बंगलौर पहुंचने से पहले कम से कम(सबसे छोटा रूट) तीन बड़े प्रदेश प.बंगाल, ओड़ीशा और आंध्र प्रदेश को पार करना पड़ता है, और बड़े और संभावित सही मार्ग से आने पर बिहार, झारखंड़, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र को पार करना पड़ता है।

    कमाल है इन प्रदेशों में पूर्वौतर के लोगों को कोई खतरा नहीं है। कमाल की बात यह भी है कि बीच में गुवाहटी से बंगलौर के तक पहुंचने पर सिर्फ दो जगह भाजपा की सरकार पड़ती है, छत्तीसगढ़ और झारखंड में(दोनो प्रदेश भयंकर पिछड़े और नक्सल प्रभावित हैं।)।

    ये कौन से आक्रांता आक्रमणकारी है जो पूर्वौतर के लोगों को मारने के बाद बीच में बिना मारकाट मचाए सीधे बंगलौर में हमला बोलेंगे।

    सच बात यह है कि खतरा बांग्लादेशी घुसपैठियों से नहीं बल्कि उन लोगों से है, जो पब में जाने वाले लोगों से मारपीट करते हैं, खतरा उन लोगों से है जिन्होने दंगे भड़काने की अपनी योजना के चलते देश में पाकिस्तानी झंड़ा फहराने का (दुः)गौरव प्राप्त किया था। खतरा लोगों से नहीं, खतरा अफवाहों और उस नई संस्कृति के लोगों से है जो पुरानी संस्कृति की दुहाई देते हैं और देश के तिरंगे को हटाकर उसे भगवा करना चाहते हैं।

    नोट- स्वतंत्र भारत में पहला पाकिस्तानी झंड़ा मुसलमानों ने नहीं बल्कि एक हिन्दू संगठन ने फहराया था, ध्यान दीजिए फहराने और लहराने में अंतर है, लहराया उन्माद में जाता है और फहराया उसे पोल के सहारे जाता है, जैसे तिरंगा कल फहरा था।

    मैने पूर्वौतर के तौर पर गुवाहटी शहर को चुना है

    और साथ में एक फोटो जिन्हें ऐसी घटनाओं की खबर पहले से थी।

    कुछ लिंक भी है उसे भी पढ़े
    1. ट्रेन विटवीन स्टेशन में गुवाहटी और बंगलौर का रास्ता
    2. गुवाहटी से बंगलौर तक का सड़क रास्ता
    3 पाकिस्तानी झंड़ा फहराने की खबर का लिंक
    http://distancebetween.info/guwahati/bangalore/road_map
    http://www.indianrail.gov.in/cgi_bin/inet_srcdest_cgi_time.cgi
    http://www.facebook.com/photo.php?fbid=449748908378623&set=a.146490882037762.21607.100000305523448&type=1&ref=nf
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