शनिवार, 1 जून 2013

कोई उसूल रहे


दोस्ती के हजारों उसूल रहे, दुश्मनी का भी कोई उसूल रहे
तुम हमारे हो हम हैं तुम्हारे सदा ये रहे याद कोई न भूल रहे.

मैं थका कब तुम्हारी मनुहार से मैं बुलाता रहा हूँ तुम्हें प्यार से
अपनी कोई खता हो तो वो दो बता, मैं जितना मनाता हूँ फूल रहे.

मेरी रातों की नींद दीवानी हुई,न तुम्हारी कभी बदगुमानी गई
कोई राहे रस्म तो बता दो हमें या कहो तुम कि हम हैं फिजूल रहे.

जो दिलों में बनाते रहें दूरियाँ अब उन्हें कुछ कहें भी तो क्या कुछ कहें ?
उनकी बातें तुम उनके लिए छोड़ दो, बात में हो शहद न कि तूल रहे.

ये दुआ है हमारी कि तुम खुश रहो, चाँद तारे तुम्हारे बनें हमसफ़र
अपनी खातिर बहुत है हरी घास ये, कब पर थोड़ी ये थोड़ी धूल रहे .


دوستی کے ہزاروں اصول رہے، دشمنی کا بھی کوئی اصول رہے
تم ہمارے ہو ہم ہیں تمہارے ہمیشہ یہ رہے یاد کوئی نہ بھول رہے.

میں تھکا کب تمہاری خاطر داری سے میں بلاتا رہا ہوں آپ سے محبت سے
اپنی کوئی خطا ہو تو وہ دو بتا، میں جتنا منا ہوں پھول رہے.

میری راتوں کی نیند دیوانی ہوئی، نہ تمہاری کبھی بدگمانی گئی
کوئی راہ رسم تو بتا دو ہمیں یا کہو تم کہ ہم ہیں پھجول رہے.

جو دلوں میں بناتے رہیں دوریاں اب انہیں کچھ کہیں بھی تو کیا کچھ کہیں؟
ان کی باتیں آپ کو ان کے لئے چھوڑ دو، بات میں ہو شہد نہ کہ طول رہے.

یہ دعا ہے ہماری کہ تم خوش رہو، چاند تارے تمہارے بنیں ہمسفر
آپ کی خاطر بہت ہے ہری گھاس یہ کب پر تھوڑی یہ تھوڑی دھول رہے.


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