बुधवार, 26 जून 2013

ख़त भेजा है



तुमने पूछा बतलाता हूँ प्यार की ये सच्चाई है
न तो धोखेबाज हूँ मैं और न वो ही हरजाई है .


उसने मुझको ख़त भेजा है खाली कोरे कागज़ का
समझ गया मैं प्यार है मुझसे लिखते वो शरमाई है.


हम अपनी जुल्फें लहराते हँसते गाते जाते थे
हमको क्या मालूम था उसका बापू भी एक नाई है.


कल जो मेरे पीछे जूता लेकर भागा दूर तलक
आज समझ में आया मुझको वो ही उसका भाई है .


यूँ तो हमने इश्क की बाजी हारी भी है जीती भी
लेकिन अबकी बार न पूछो कैसी जान तवाई है .

सबके सब मुझ पर बादल से गरज रहें हैं बरस रहे
पर इससे क्या प्यार में उसके सागर सी गहराई है .
                                          - अमरनाथ मधुर


تم نے پوچھا بتلاتا ہوں محبت کی یہ حقیقت ہے
نہ تو دھوکے باز ہوں میں اور نہ وہ ہی بے وفا شے ہے.

اس نے مجھ کو خط بھیجا ہے خالی کورے کاغذ کا
سمجھ گیا میں محبت ہے مجھ لکھتے وہ شرماي ہے.

جوتا لے کر کل جو میرے پیچھے بھاگا دور تلک
آج سمجھ میں آیا مجھ کو وہ ہی اس کا بھائی ہے.

ہم اپنی جلپھے لہراتے ہنستے گاتے جاتے تھے
ہم کو کیا معلوم اس کا باپو بھی ایک حجام ہے.

یوں تو ہم نے عشق کی بازی ہاری بھی ہے جیتی بھی
لیکن اب کی بار نہ پوچھو کیسی جان تواي ہے.

سب کے سب مجھ پر بادل سے گرج رہے ہیں برس رہے
پر اس سے کیا محبت میں اس سمندر سی گہرائی ہے.
                                           - امرناتھ مدھر




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