मंगलवार, 4 जून 2013

लिखो वही

लिखो वही जो सही दिखे और जो भी मन कहना चाहे
लिखो वही जिस भाव भूमि पर मन अपना रहना  चाहे.
लिखो वही जिसको लिखने से जन कल्याण संवरता हो
लिखो वही जिसको लिखने से जग का  रूप निखरता हो.


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