रविवार, 21 जुलाई 2013

दीवारों से क्या बातें हो सकती हैं ?



दीवारों से क्या बातें हो सकती हैं ?
सूनी सूनी आँखे उनको तकती हैं.

दीवारों में दीवाने चुन जाते हैं
दीवारों पर तस्वीरों भी टंगती हैं .

काँधें पर अपनी सूली ढोकर लाओ
दीवारों पर कीले भी तो गडती  हैं .

दीवारों से सर अपना क्यूँ फोड़ रहे
दीवारों में दर,खिड़की खुल सकती है .

दोस्त परेशां मत होना दीवारों से
वो ख़त दीवारों के ऊपर रखती है .

माना दीवारों पर कैंची लगी हुई
चिड़िया दीवारों से ऊंचा उड़ती है .

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