बस मेरे जानिब एक नजर का सवाल है
इतनी सी बात पे भी क्यूँ इतना बबाल है.
बेकार ही दीवार खडी कर रहें हैं लोग
जो हाल मेरा है वही उसका भी हाल है .
मैंने तो उसे देखा मोहब्बत की नजर से
ना जाने क्या हुआ जो उसकी आँख लाल है
दानों पे नजर डाल ना उड़ते हुए पंछी
दानों पे शिकारी का बिछा एक जाल है .
कल रास्ते में मैंने उसे बोल दिया था
हाथों के उसका नक्श लिए मेरा गाल है .
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