शनिवार, 21 सितंबर 2013

रोहतक ऑनर किलिंग: डेढ़ घंटे तक गूंजती रहीं चीखें


           रोहतक‌ जिले के गांव गरनावठी में बुधवार को हुई ऑनर किलिंग के मामले में ग्रामीण इस कदर तक संवेदनहीन हो गए थे कि डेढ़ घंटे तक गांव में प्रेमी जोड़े की चीखें गूंजती रहीं, लेकिन उन्हें बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया।
जब गांव में युवती निधि के परिजन उसका और धर्मेंद्र का अपहरण करके लाए थे तब भी किसी ने पुलिस को फोन नहीं किया। यदि कोई हिम्मत करके पुलिस को फोन कर देता तो उनकी जान बच जाती।

पूछताछ में हत्या आरोपी युवती के पिता नरेंद्र और चाचा रविंद्र ने बताया कि उन्होंने पहले निधि की हत्या की क्योंकि वह धर्मेंद्र को बचाने के लिए बहुत शोर मचा रही थी।

प्यार करने की इतनी खौफनाक सजा

'पापा धर्मेंद्र को मत मरो, चाहे मुझे मार दो'
बहादुरगढ़ से प्रेमी जोड़े का अपहरण कर युवती के परिजन उसे गरनावठी लेकर आए। युवती के घर के एक कमरे में उन्हें अलग-अलग बांधा गया। इसके बाद उन्हें पहले पीट-पीटकर अधमरा किया गया।

आरोपी पिता ने बताया कि जब वे धर्मेंद्र के साथ मारपीट कर रहे थे तो निधि बीच-बीच में उसे छोड़ने को कह रही थी, जिससे उनका गुस्सा और बढ़ गया, फिर उन्होंने निधि की गर्दन धड़ से अलग कर दी।

आरोपियों ने यह बताया कि युवती बार-बार यह कह रही थी कि भले ही उसे जान से मार डालो, परंतु धर्मेंद्र को छोड़ दो। अपने प्रेमी की जान बचाने के लिए निधि परिजनों के सामने खूब गिड़गिड़ाई थी, परंतु उनका दिल नहीं पसीजा।

युवती की हत्या के बाद युवक का सिर भी धड़ से अलग कर दिया। युवती का शव फूंकने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उसे अधजली हालत में बरामद किया। मामले की जांच कर रहे कलानौर थाना प्रभारी ने बताया कि पहले युवती की हत्या की गई थी, बाद में युवक की हत्या कर शव उसके घर के बाहर फेंक दिया था।

दोस्त से मांगी थी मदद, मिली मौत
प्रेमी जोड़े की जान बच जाती यदि वे पैसे मांगने के लिए अपने दोस्त को फोन नहीं करते। मंगलवार रात को निधि और धर्मेंद्र गांव से फरार हो गए थे। रात से ही युवती के परिजन उनकी तलाश में जुटे थे, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला।

धर्मेंद्र ने बुधवार सुबह अपने दोस्त से दिल्ली से बाहर जाने के लिए आर्थिक मदद मांगी। उस वक्त उसका दोस्त निधि के घर पर था। युवती के परिजनों ने ही उसे और धर्मेंद्र के भाई को वहां पर शक के आधार पर बैठा रखा था।

युवती के पिता नरेंद्र उर्फ बिल्लू को जैसे ही भनक लगी कि फोन धर्मेंद्र का है तो उन्होंने दोस्त को झांसे में ले लिया। पुलिस पूछताछ में नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने दोस्त को कहा था कि वे निधि और धर्मेंद्र को माफ कर देंगे।
इसके बाद उन्होंने धर्मेंद्र के भाई को भी घर बुलवा लिया। उन्होंने दोस्त से फोन करवाया कि बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर आ जाओ।

इसके बाद वे धर्मेंद्र के भाई और दोस्त को साथ लेकर बहादुरगढ़ के लिए रवाना हो गए। जब निधि और धर्मेंद्र बहादुरगढ़ पहुंचे तो युवती के परिजनों ने उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उसके भाई और दोस्त को वहीं छोड़ दिया।

एसपी राजेश दुग्गल ने बताया कि धर्मेंद्र ने दोस्त के पास फोन आने के बाद युवती के परिजनों को उनकी लोकेशन का पता चला और बहादुरगढ़ से प्रेमी जोड़े को उठाया गया।

अंतिम संस्कार को भी राजी नहीं थे परिजन
निधि और धर्मेंद्र के शवों के पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया गया। सिविल अस्पताल के डॉ. अजीत के नेतृत्व में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया।

धर्मेंद्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि तेजधार हथियार से पहले वार किए गए हैं। निधि का शव जला होने के कारण विसरा जांच के लिए मधुबन भेजा गया है। पहले दोनों के शव लेने को परिजन राजी नहीं हुए।

पुलिस ने गांव के सरपंच से बातचीत कर दोनों के परिजनों को मनाया। सुरक्षा के बीच दोनों का अलग-अलग दाह संस्कार किया गया।

युवक के परिजनों ने तोड़ी चुप्पी, दिए बयान
धर्मेंद्र के भाई पवन और चाचा सतबीर ने चुप्पी तोड़ी। दोनों ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से धर्मेंद्र की हत्या की गई है। दोनों पक्षों के बयान हत्या के मामले में तब्दील हो जाएंगे।

पवन ने पुलिस को बताया कि घटना के वक्त वे खेत में गए हुए थे। उसके भाई धर्मेंद्र और निधि के बीच तीन साल से प्रेम-संबंध थे, जिसको लेकर युवती के परिजन नाराज थे।

उन्होंने योजना बनाकर उसके भाई की हत्या की है। इसी तरह पुलिस ने मृतका निधि के परिवार के सदस्य आनंद और रामेश्वर के भी बयान दर्ज किए हैं जोकि रिश्ते में उसके दादा हैं।

गांव में पसरा खौफ, दबी जुबान में चर्चा
गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण घटना को लेकर इस कदर खौफ में हैं कि वे सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं। युवक और युवती के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

छोटे से लेकर बड़े तक सब इस वारदात की चर्चा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस को कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। युवक और युवती के घर के बाहर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था और गली भी सुनसान पड़ी थी।

महिलाएं तो पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, बुजुर्ग हत्या पर अफसोस करने की बजाय यही कह रहे हैं कि सामाजिक ताना-बाना बिखरने लगा है।
-----------अनिल शर्मा
अमर उजाला, रोहतक शुक्रवार, 20 सितंबर 2013 

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