शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

एक औरत के सरल प्रश्न


[बहन आभा मिश्रा जी की पोस्ट एक औरत के सरल प्रश्न जो आदमी के दिल को छू लेगें ..]
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देह मेरी , हल्दी तुम्हारे नाम की ।
हथेली मेरी , मेहंदी तुम्हारे नाम की ।
सिर मेरा , चुनरी तुम्हारे नाम की ।
मांग मेरी , सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।
माथा मेरा , बिंदिया तुम्हारे नाम की ।
नाक मेरी , नथनी तुम्हारे नाम की ।
गला मेरा , मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।
कलाई मेरी , चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।
पाँव मेरे , महावर तुम्हारे नाम की ।
उंगलियाँ मेरी , बिछुए तुम्हारे नाम के।
बड़ों की चरण-वंदना मै करूँ ,
और 'सदा- सुहागन' का आशीष तुम्हारे नाम का ।
और तो और - करवाचौथ/
बड़मावस के व्रत भी तुम्हारे नाम के ।
यहाँ तक कि कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा,
और बच्चा ? बच्चा तुम्हारे नाम का ।
घर के दरवाज़े पर लगी 'नेम-प्लेट' तुम्हारे नाम की ।
और तो और -
मेरे अपने नाम के सम्मुख लिखा
गोत्र भी मेरा नहीं, तुम्हारे नाम का ।
सब
कुछ तो तुम्हारे नाम का...नम्रता से पूछती हूँ :
आखिर तुम्हारे पास... क्या है मेरे नाम का?
--------- आभा मिश्रा जी की पोस्ट !!

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