शनिवार, 13 सितंबर 2014

पानी की तासीर

पानी की भी अजब तासीर है सूखा पड़े तो लड़ाता है और बाढ़ आये तो जोड़ता है . पानी की कमी के दिनों में साझा बहने वाली नदी के पानी को लेकर दो देश आपस में झगड़ते हैं. एक ही देश के दो राज्य आपस में झगड़ते हैं. किसान सिंचाई के लिए आपस में झगड़ते हैं .पनिहारिन कुएं, हैण्डपम्प पर पानी भरने के लिए झगड़ती हैं .घर के अंदर पहले नहाने के लिए झगड़ा होता है लेकिन पानी की इफरात हो तो कोई झगड़ा नहीं होता है .पानी जरुरत से ज्यादा आ जाए यानी की बाढ़ आ जाए तो सब मिल जुलकर उससे निपटने का उपाय खोेजने लगते हैं . जिन देशों के बीच हमेशा तनाव रहता है जहाँ सीमा पर शान्ति बनाये रखने में हुकमरानों को पसीना छूटता रहता है जहाँ फौजे न चाहते हुए भी गोलीबारी करती रहती हैं वहाँ बाढ़ आने पर अपने आप शान्ति छ जाती है सीज फायर हो जाता है .जिन देशों के मुखिया एक दूसरे की कोई बात मानने सुनने को तैयार नहीं होते हैं वो बिना माँगे राहत सामग्री भेजने लगते हैं .आँखों का पानी मर जाने की कहावत झूठी हो जाती है और आँख भर आने के दृश्य दिखाई देने लगते हैं .ऐसे में पानीदार आदमी का पानी नहीं उतरता है उसमें और आब आ जाती है .वाकई पानी की अजब तासीर है .

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