एक पढ़ाकू के लिए सबसे ज्यादा प्रिय उसकी पसंदीदा पुस्तकें होती हैं .कुछ पुस्तकें उसे अपनी प्रेमिका से भी ज्यादा प्रिय होती हैं लेकिन उसे सबसे ज्यादा दर्द तब होता है जब उसका कोई भरोसे मंद साथी उसकी प्रिय पुस्तक पढने के लिए माँग ले जाता है और फिर गम होने की बात कहकर कभी नहीं लौटाता है. ऐसे दोस्त को दुश्मन न भी कहें तब भी उसका काम किसी दुश्मन से कम पीड़ादायी नहीं है. उम्मीद करता हूँ मेरे अजीज दोस्त अब और पीड़ा नहीं देंगे .
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