बुधवार, 5 अगस्त 2015

"डायरी आफ ए यंग गर्ल"

          
विश्वयुद्ध के दौरान जब सारे यहूदी नीदरलैंड की ओर धकेल दिए गए तब उनमें एक फैमिली ऐनी फ्रैंक की भी थी इस फैमिली ने अपनी जान बचाने के लिए एक घर के तहखाने में नजर बंद हो गए थे तब  12 साल की लड़की एन फ्रेंक ने एक डायरी लिखनी शुरू की तब किसी को पता भी नहीं था की ये कोई डायरी भी लिख रही है महीनों उस तहखाने में बंद रहे इस फैमिली की जीने की कहानी और हिटलर की बर्बरता को इस लड़की ने बहोत ही क़ाबलियत से लिखा। जब तक युद्ध खत्म होता फ्रैंक की मृत्यु हो चुकी थी. जब वो डायरी इसके पिता के हाथ लगी तो वो उसको पढ़ कर बहोत रोया था और तब उसने उस डायरी को छपवाने का निर्णय लिया ताकि पूरी दुनिया हिटलर के जुल्म को जान सके। वो डायरी "Anne Frank: The Diary of a Young Girl" के नाम से छपी जो अपने सदी की सबसे लोकप्रिय पुस्तक बनी और सौ से भी ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित की गई।
                 ---शाहिद अंसारी

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