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्णु शरण दुबलिश के जन्मदिन के मौके पर साम्प्रदायिक सद्भावना दिवस के रूप में चौधरी चरण सिंह पार्क, मेरठ में मनाया,
बैठक में आर पी जुयाल, जी आर मलिक, तौसीफ अली खान, आफाक अहमद, डाक्टर शहाबुद्दीन, राम गोपाल भारतीय, शफीक अहमद, अलमास अहमद, ब्रज पाल सिंह ब्रज, अजीत दास,डॉ वेद प्रकाश वटुक,, डॉ शोएब मोहम्मद, नाटककार भारत भूषण, मुनेश त्यागी ने विचार व्यक्त किए,
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि साम्प्रदायिकता का सामना वैचारिक रूप से और राजनीतिक रूप से करना पडेगा, इसके लिए कविता, कहानी, नाटक, विचार गोष्ठी और नुक्कड़ नाटक व कविताओं का सहारा लिया जायेगा, बैठक में कहा गया है साम्प्रदायिकता जनता, किसानों मजदूरों की एकता को तोड़ने की राजनीति है, जो देशी-विदेशी पूंजीपति लुटेरों और डकैतों व धन्ना सेठों की मदद करती है, इसका किसानों, मजदूरों की समस्याओं से कुछ भी लेना देना नहीं है, ये जनता की दुश्मन है, देश की दुश्मन है, ये ताकतें वहशी, बर्बर, असभ्य और जनविरोधी हैं
बैठक में एक साम्प्रदायिक सद्भावना समिति का गठन किया गया जिसमें कवियों, लेखकों, इतिहासकारों, वकीलों पत्रकारों और सांस्कृतिक कर्मियों को लेकर साम्प्रदायिकता विरोधी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया, समिति में आफाक अहमद, आर पी जुयाल, अब्दुल जब्बार खान, परविंदर, तनवीर अहमद, रामगोपाल भारतीय, मुनेश त्यागी, वेद प्रकाश वटुक आदि को लिया गया, जिसका अध्यक्ष वेद प्रकाश वटुक और संयोजक मुनेश त्यागी को चुना गया।
बैठक में आर पी जुयाल, जी आर मलिक, तौसीफ अली खान, आफाक अहमद, डाक्टर शहाबुद्दीन, राम गोपाल भारतीय, शफीक अहमद, अलमास अहमद, ब्रज पाल सिंह ब्रज, अजीत दास,डॉ वेद प्रकाश वटुक,, डॉ शोएब मोहम्मद, नाटककार भारत भूषण, मुनेश त्यागी ने विचार व्यक्त किए,
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि साम्प्रदायिकता का सामना वैचारिक रूप से और राजनीतिक रूप से करना पडेगा, इसके लिए कविता, कहानी, नाटक, विचार गोष्ठी और नुक्कड़ नाटक व कविताओं का सहारा लिया जायेगा, बैठक में कहा गया है साम्प्रदायिकता जनता, किसानों मजदूरों की एकता को तोड़ने की राजनीति है, जो देशी-विदेशी पूंजीपति लुटेरों और डकैतों व धन्ना सेठों की मदद करती है, इसका किसानों, मजदूरों की समस्याओं से कुछ भी लेना देना नहीं है, ये जनता की दुश्मन है, देश की दुश्मन है, ये ताकतें वहशी, बर्बर, असभ्य और जनविरोधी हैं
बैठक में एक साम्प्रदायिक सद्भावना समिति का गठन किया गया जिसमें कवियों, लेखकों, इतिहासकारों, वकीलों पत्रकारों और सांस्कृतिक कर्मियों को लेकर साम्प्रदायिकता विरोधी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया, समिति में आफाक अहमद, आर पी जुयाल, अब्दुल जब्बार खान, परविंदर, तनवीर अहमद, रामगोपाल भारतीय, मुनेश त्यागी, वेद प्रकाश वटुक आदि को लिया गया, जिसका अध्यक्ष वेद प्रकाश वटुक और संयोजक मुनेश त्यागी को चुना गया।
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