शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

'अच्छे दिनों का इंतज़ार'



आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे
उनको लायेगा नहीं यहां पे कोई और
उनको लायेंगे तो हम तुम लायेंगे ...........  आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे .

हम सहन नहीं कर सकते देश लुटे प्यारा
खेतों में फसलें लुटें, लुटे गंगा धारा
सारी दुनिया के आगे न शर्मायेंगे ..........  आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे .

अपनी ही किस्मत में है न ये दुःख सारे
हम  मेहनत की पूरी कीमत लेगें प्यारे
देखेंगे कैसे हमको ये बहकायेंगे ........ ...  आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे .

ये जो भी ऊँचें महल अटारी वाले हैं
लप लप जीभों की तेज कटारी वाले हैं
जब हम बोलेंगे तब सारे हकलाएंगे  ........  आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे .

ये जो भगवा चोले में चोर छुपे बैठे
ये जो सत्ता मद में मुँहजोर बने ऐंठे
इनको आसन से खींचेगें जुतियायेंगे .......  आयेंगे अच्छे दिन जरूर आयेंगे .

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