वो परम भक्तों की चर्चा कर रहे थे
बात कमबक्तों पे आकर रूक गई है .
राम जाने केतली में क्या भरा है ?
जो कमर ही जेटली की झुक गई है.
आज भी सीना है 'छप्पन इंच' चौड़ा
आज भी उसमें कमी बिलकुल नहीं है .
सिर्फ उनकी बात ही है अब हवाई
देख स्टाइल वही है, लुक वही है .
शाल, साडी से सियासत जो शुरू की
साल के दिन आखिरी में भी वही है .
हाँ शहीदों के जो मांगे शीश अब भी
दूसरा कोई नहीं बडभुक वही है .
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