गुरुवार, 28 जनवरी 2016

लोग सयाने दिखते हैं .



जहाँ मुझे चेहरे पहचाने दिखते हैं
ठहरे कुछ सम्बन्ध पुराने दिखते हैं
कुछ मत पूछो कैसा मन हो जाता है
सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .

मैं ही बस इक पागल औ दीवाना हूँ
अब भी गाता रहता गीत पुराना हूँ,
सारे साथी छोड़ अकेला चले गये
लोगों की नज़रों में मैं अनजाना हूँ .

                  मेरे  मुस्काने  पे  हैरत  होती  है
                 आकर्षक जब नए ठिकाने दिखते हैं .
                          ......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .


उमर हुई पर हुआ नहीं हुशियार कभी
जाने क्यूँ सपनों से मुझको प्यार अभी.
कमजोरों के साथ रहा सीना ताने
बलजोरोँ से किया न कोल करार कभी .
                     मैं तब भी चुपचाप नहीं बैठा हूँ जब
                     ना लड़ने के लाख बहाने दिखते हैं .
                                             ......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .


मुझको समझाने को लोग बहुत आये
गैर नहीं, जो समझदार थे हमजाये .
जिनकी इज्जत सभी सभाओं में होती
जो सब संस्थानों  के थे पुख्ता पाये .
                       पर वो कब मुझको कुछ समझा पायें हैं
                       दिल में अब भी आग दहाने दिखते हैं .
                                                ......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .

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