जहाँ मुझे चेहरे पहचाने दिखते हैं
ठहरे कुछ सम्बन्ध पुराने दिखते हैं
कुछ मत पूछो कैसा मन हो जाता है
सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .
मैं ही बस इक पागल औ दीवाना हूँ
अब भी गाता रहता गीत पुराना हूँ,
सारे साथी छोड़ अकेला चले गये
लोगों की नज़रों में मैं अनजाना हूँ .
मेरे मुस्काने पे हैरत होती है
आकर्षक जब नए ठिकाने दिखते हैं .
......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .
उमर हुई पर हुआ नहीं हुशियार कभी
जाने क्यूँ सपनों से मुझको प्यार अभी.
कमजोरों के साथ रहा सीना ताने
बलजोरोँ से किया न कोल करार कभी .
मैं तब भी चुपचाप नहीं बैठा हूँ जब
ना लड़ने के लाख बहाने दिखते हैं .
......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .
मुझको समझाने को लोग बहुत आये
गैर नहीं, जो समझदार थे हमजाये .
जिनकी इज्जत सभी सभाओं में होती
जो सब संस्थानों के थे पुख्ता पाये .
पर वो कब मुझको कुछ समझा पायें हैं
दिल में अब भी आग दहाने दिखते हैं .
......... सारे ही तो लोग सयाने दिखते हैं .
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