रविवार, 22 जनवरी 2017

कुछ लोगों के भाव गिर गये, कुछ को देना बंद कर दिया
खूब मजे में बीत रही है,  भाग दौड़ को मंद कर दिया .

मुझसे मेरी जात न पूछो, दिल को देखो दिल से पूछो 
मैं जाति को तोड़ रहा हूँ दिल से दिल को जोड़ रहा हूँ .



भूकंप के कुछ झटके आकर चले गए 
यारब हमारे मुल्क में सब खैरियत तो है ?

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