सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

हम पर हैं एहसान बहुत शहजादों के

हम पर हैं एहसान बहुत शहजादों के
ख्वाब देख कर जीते उन के वादों के.

इन को मिली विरासत गौरवशाली है
मुख पर छिटकी बलिदानों की लाली है.
छदम राष्ट्र भक्तों इनसे भक्ति सीखों
इन की गाथा उजली है, न काली है.

नयी उड़ानों के सपने लेकर आये
साथ छोड़ कर कटुता की सब यादों के.
हम पर हैं एहसान बहुत शहजादों के .

इन को हँसते देख आँख हर मुस्काती
नहीं धर्म का भेद, न कोई है जाति.
ये सब के हैं राजदुलारे, सब इनके
सेवक,सैनिक,स्वामी सच्चे हैं साथी .

वो भी अब उम्मीद लगाये है इनसे
जो आदि न नेता की बकवादों के .
हम पर हैं एहसान बहुत शहजादों के .

बोली में मिश्री की बड़ी डली घोले
ये शहजादे हैं पर गली गली डोलें .
दिखते नहीं हवा में उड़ते हुए कभी
अपशब्दों की नहीं पिटारी ये खोलें .

मार झपट्टा जो चिड़ियों को खाते हैं
ये तोड़ेंगे दाँत सभी उन बाजों के .
हम पर हैं एहसान बहुत शहजादों के .



















   

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