शुक्रवार, 12 मई 2017

वे हमारी जुबां काट कर ले गए


हम चिल्लाते रहे आजादी आजादी , वे हमारी जुबां काट कर ले गए |
हमने देने से उनको मना क्या किया छीन कर ले गए, डांट कर ले गए |
जो भी बांकें जवां थे चढ़े दार पर
मौत के सबको वो घाट पर ले गए |

वो तमाशाई थे जिनकी खातिर लडे
जो बची हड्डियां बाँट कर ले गए |



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