शनिवार, 5 अगस्त 2017

अफवाहें और देश भक्ति


        इस देश में एक अंतराल के बाद ऐसी घटनायें घटती हैं जिनका कोई सिर पैर नहीं होता है | कभी गणेश जी दूध पीने लगते हैं कभी तुरयई के पत्ते पर सांप उतर आता है | कभी मुंह नोचवा मुंह नोच जाता है कभी किसी की चुटिया कट जाती है | सरकार की सारी सुरक्षा व्यवस्था और ख़ुफ़िया तंत्र मुंह बाए देखता रहता है और जनता विक्षिप्तों की तरह व्यवहार करने लगती है | कोई तर्क और समझदारी की बात करता है तो लोगों का एक ही जबाब होता है क्या तुम्हीं एक अकेले समझदार हो और इतने सारे लोग क्या मूर्ख हैं ? 

पढ़े लिखे लोग, डाक्टर, मास्टर, वकील, जिनका काम वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना होना चाहिए वे ही                  अफवाहों को हवा देने में आगे रहते हैं फिर समझदारी की बात कौन करे ? इस सबके बावजूद एक सामान्य मेहनतकश इन्सान ही ऐसा इंसान होता है जो इन अफवाहों पर सबसे कम यकीन करता है |बाकी जिसकी जेब में पैसा है वो सबसे पहले पंडित ओझा के पास दौड़ता है ,गंडे ताबीज करता है ,अनुष्ठान ,टोटका करता है | अक्सर ये अफवाहें गर्मी और बरसात के उन दिनों में फैलती हैं जब भारत के देहात में लोग काम धंधें से थोडा फुर्सत में रहते हैं | फुरसत में इसलिए रहते हैं क्यूंकि या तो बारिस के इंतज़ार में खेतों में कोई काम नहीं होता है या बरसात होते रहने के कारण काम नहीं रहता है| अब ऐसे में शरारती लोग क्या करें ? उन्हें तो वैसे भी शरारत के बिना चैन नहीं मिलता है| मौसम ने खाली कर दिया हो तो खाली दिमाग पर शैतान का डेरा हो ही जाता है | ये सब घटनाएँ ऐसे ही लोगों की करतूत होती हैं जो शरारत करके मजा लेते हैं | ऐसे दो चार लोग हर गाँव कालोनी में होते हैं | वे किसी को परेशान करने के लिए शरारत करते हैं और फिर अफवाह उड़ा देते हैं |उस अफवाह को विश्वस्त बनाने के लिए एक दो घटनाएँ वे स्वयं अंजाम देते हैं फिर हर क्रिया की प्रतिक्रिया की तरह घटनाएँ घटने लगती हैं| मीडिया इन घटनाओं का इस अंदाज में खंडन करती है कि वह खंडन कम उसकी पुष्टि ज्यादा लगता है | कई बार दूर बैठे कुछ शरारती लोगों को लगता है कि उन्हें भी ऐसा करके देखना चाहिए कि देखें क्या होता है ? सिर्फ कौतुहल के लिए लोग ऐसा करते हैं|लेकिन लोग दहशत में आ जाते हैं और अफवाह फ़ैल जाती है | एक कारण ये भी पाया गया है कि गर्मी के दिनों में जब गरीब लोग अक्सर खुले में या अपनी छत पर गरमी से राहत के लिए सोते हैं तो कुछ निहित स्वार्थी लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं |ये लोग चोरी जारी वाले होते हैं जिनके काम में लोगों के खुले में सोने से बाधा उत्पन्न होती है | सोते हुए का मुंह नोच लिया जाए या बाल काट लिए जाएँ तो वो किसी कीमत पर खुले में सोने को तैयार ना होगा | बस शरारती लोग यही चाहते हैं कि लोग अन्दर घर में सोयें जिससे उन्हें जहां जो काम करना है वो निश्चिन्त होकर कर सकें |
         एक कारण ये भी हो सकता है कि देश में कोई गैर सरकारी ख़ुफ़िया संगठन अपनी संगठन शक्ति की जांच करने के लिए ऐसी वारदातों को अंजाम देता हो | इस संदेंह का एक बड़ा कारण यह है कि गणेश जी के दूध पीने की घटना एक ही दिन भारत से लेकर अमेरिका तक घटी हुयी थी | बिना किसी पुख्ता संगठन ऐसा होना संभव नहीं है | लेकिन ऐसी घटनाओं का समय रहते पर्दाफाश ना कर पाना सरकार के ख़ुफ़िया तंत्र के विफल होने की निशानी है |अगर सरकारी तंत्र ऐसी अफवाहों परदाफाश करने में विफल रहता है तो उससे देश विरोधी बड़ी साजिशों से सुरक्षा करने की क्या उम्मीद हो सकती है ? बहरहाल इतना ही का जा सकता है कि ऐसी अफवाहों की चर्चा ना करें इनकी चर्चा करके हम अफवाहों फैलाने वालों की अनजाने में ही मदद कर रहे होते हैं | आज कल देशभक्त बनने का जोर है| देशभक्त बनने के इच्छुक सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे अफवाहों और अंधविश्वाशों के विरुद्ध जागरूक जनता को जागरूक करके अच्छे देशभक्त बन सकते हैं | देश की जनता को अफवाहों और अंधविश्वाशों के विरुद्ध जागरूक करना भी देशभक्ति है | ये काम वंदें मातरम गाकर भी किया जा सकता है और बिना गाये भी कर सकते हैं | भारत माता की जय बोलना भी जरुरी नहीं है | देश में अफवाहें नहीं फैलेंगी ,जनता अन्धाविश्वाशों से मुक्त रहेगी तो भारत माता की जय होगी |

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