गुरुवार, 19 जुलाई 2018

'हर मुस्लिम औरत को 72 कुंवारे लड़कों के साथ सेक्स करने का अधिकार है ।'---------- तस्लीमा नसरीन

बहत्तर तो एक कालौनी में ही पूरे हो जाएंगे बाकी कुंवारे कहाँ जाएंगे ? और इन बहत्तर के सलेक्शन का आधार क्या होगा ? क्या कोई क्वालीफाईंग मैच होगा या डायरेक्ट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चुना जाएगा ? और अगर उम्मीदवारों की तादाद ज्यादा हुई तो कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस लगानी पड़ेगी फिर अगर कुंवारें  पुलिस वाले स्वयं धकियाकर आगे आने लगे तो आम आदमी के हक़ के लिए कौन लड़ेगा ? यहाँ एक संगठन तो कुंवारों के बल पर ही चलता है अगर उसके स्वयंसेवक शामिल हो गए तो बहत्तर की गिनती कितनी बार होगी इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है |
सुना है छुरी खरबूजे पर गिरे या खरबूजा छुरी पर गिरे नुकसान खरबूजे का ही होता है |यहाँ तो बहत्तर छुरों आई मीन छोरों से खेलने का दम भरा जा रहा है | खुदा खैर करे |

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें