रविवार, 8 जुलाई 2018

ताईवान / चीनी ताईपे

चीन ने भारत समेत 40देशों को पत्र लिखा है कि ताईवान चीन का हिस्सा है उसे ताईवान ना कहकर चीनी ताईपे लिखा जाये। भारत की एयर लाईन एयर ईन्डिया ने ताईवान का नाम चीनी ताईपे प्रयोग करना शुरू कर दिया है । इसका मतलब है कि भारत ने चीन की बात को मान लिया है कि ताईवान चीनी ताईपे है और वो चीन का अभिन्न अंग है। किसी भी देश की एकता और अखंडता का सम्मान करना सदाशयता है लेकिन चीन ऐसी सदाशयता भारत के सन्दर्भ में नहीं दिखाता है। चीन ने कश्मीर और अरूणाचल को भारत का अभिन्न अंग नहीं माना है फिर ऐसी क्या मजबूरी आ गयी जो भारत ने यूँ ही चीन के अहम् को तुष्ट करने वाला काम किया है? गौर करने वाली बात ये भी है कि ताईवान सरकार ने ताईवान को चीनी ताईपे कहे जाने का कड़ा विरोध किया है।कई देशों ने ताईवान नये नाम ताईपे को स्वीकार करने के चीन के दबाव को मानने से इन्कार कर दिया है। भारत को भी कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिये थी। पन्डित नेहरू ने चीन को यू एन ओ में वीटो पावर वाली महाशक्ति का दर्जा दिलाकर एक गल्ती पहले ही कर दी थी जिसकी आलोचना आज के सत्तारूढ दल खूब करते रहे हैं। इसलिये उन्हें तो ऐसा नहीं करना चाहिये।देखें इस सदभावना का कोई सकारात्मक उत्तर मिलता है या नहीं। हिमालय की पहाड़ियों पे जमीं कुछ बर्फ पिघलकर अगर सहज सदभाव का कोई मार्ग बनता है तो उसका स्वागत किया जायेगा।

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