सोमवार, 18 मार्च 2019

हमने जो सरदार चुना था

बिके न वो खुद्दार चुना था
हमने जो सरदार चुना था ।
चोर भगायेगा, कब हमने
ऐसा चौकीदार चुना था ?

मचा हुआ ये शौर बहुत है
बचना ये मुँहजोर बहुत है।
छप्पन इंची सीना कहता
सोचा था बलजोर बहुत है।

लेकिन जब भी पड़ी जरूरत
हमने इसे फरार सुना था ।

अमेरिका, जापान उड़ गया
चीन गया, भूटान मुड़ गया
टी वी और अखबार भी कहता
हमसे सकल जहान जुड़ गया

और तभी इस महाबली ने
दुश्मन भी उस पार धुना था ।

हाँ ये बात अलग की लाशें
सरहद के इस ओर बड़ी थीं।
वीर शहीदों की विधवायें
रोती हुई दहाड़ पड़ी थी ।

'दुश्मन कितने मरे बताओ ?
ना कोई हा हा कार सुना था।'

लेकिन इन बातों का क्या है ?
ये सारी बातें बेमानी ।
आँख मूँद कर वोट करें अब
उसको सारे हिन्दूस्तानी ।

वरना बीजा बिना भेजने को
उसको तैयार सुना था ।

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