सन्नाटे का नाम शान्ति रखा है,
दहशत को पुर अमन पुकारा जाएगा।
अपने मन की बात रखो अपने मन में
उनके मन से तुम्हें सुधारा जाएगा ।
मंदी का है दौर मंद बुद्धि वालो
जो जाएगा माल उधारा जाएगा ।
मतदाता के नेता पर एहसान बहुत
किश्तों में एहसान उतारा जाएगा ।
बीच नदी में खामोशी ले डूबेगी
हाथ चलाये नहीं, किनारा जाएगा ।
दहशत को पुर अमन पुकारा जाएगा।
अपने मन की बात रखो अपने मन में
उनके मन से तुम्हें सुधारा जाएगा ।
मंदी का है दौर मंद बुद्धि वालो
जो जाएगा माल उधारा जाएगा ।
मतदाता के नेता पर एहसान बहुत
किश्तों में एहसान उतारा जाएगा ।
बीच नदी में खामोशी ले डूबेगी
हाथ चलाये नहीं, किनारा जाएगा ।
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