जलेस मेरठ جلیس میرٹھ
जनवादी लेखक संघ मेरठ جناوادئ لکھاک سنگھ میرٹھ
शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019
दुश्मन नहीं तुम अपने हो हम फूल लाये हैं
वो गैर हैं जो साथ में त्रिशूल लाये हैं ?
हमने तो फकत मुट्ठियाँ बाँधी हैं हवा में
वो और हैं जो हाथ में पत्थर उठायें हैं ?
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