मुझको तुमसे एक कहानी कहनी थी
भूल गया जो बात पुरानी कहनी थी।
आंखों में कुछ स्वप्न सजाकर रखे हैं
कुछ शर्माकर कुछ मुस्काकर रखे हैं।
जीवन का गुलदान सजाना था मुझको
सारे के सारे महका कर रखे हैं |
उजड़ी उजड़ी राह सुहानी रहनी थी |
भूल गया जो बात पुरानी कहनी थी।
आंखों में कुछ स्वप्न सजाकर रखे हैं
कुछ शर्माकर कुछ मुस्काकर रखे हैं।
जीवन का गुलदान सजाना था मुझको
सारे के सारे महका कर रखे हैं |
उजड़ी उजड़ी राह सुहानी रहनी थी |
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