मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

मंदिर माँग रहा बलिदान, तोगड़िया की नींद हराम
ऐसी आफत कभी ना आई,अबकी जान बचा ले राम |








एक एक नग परखता देखता था जौहरी 
भाव क्या है दाव क्या है सोचता था जौहरी |
कल तलक था ठीक सब ना रोक टोक थी कहीं 
आज ऐसा क्या हुआ ये सोचता था जौहरी | 

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