मंगलवार, 14 जुलाई 2020

गद्दारों की नयी फसल है नयी नस्ल है
जो सच्चा है वही टिकेगा वही असल है|





जहां ज्योत उगते सूरज की जाकर बुझ जाती जहां पूर्वजों की ख्याति की थाती लुट जाती |
पवनपुत्र भी उसी समंदर खड़ा किनारे है जिसकी लहरें जन्मजात हत्यारी उत्पाती |


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