गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

 ये फैसले का वक्त है तू आ कदम बढ़ा |

ये इम्तिहान सख्त है तू आ कदम बढ़ा |


वो देख दुश्मनों का खून सर्द हो गया,

जनता का गर्म रक्त है,तू आ कदम बढ़ा।


आ इनके होश को भी ठिकाने पे लगा दें 

नश्शे में ताज औ तख्त है,तू आ कदम बढ़ा।


उल्लू हैं जिसकी शाख शाख पे जमे हुए 

कीकर का ये दरख़्त है तू आ कदम बढ़ा |


पत्थर का है भगवान ना देखे ना सुने है  

पंगू हरेक भक्त है, तू आ कदम बढ़ा |










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