बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

 माना गाँधी से बेहतर तुम लेकिन तुमने कुछ किया नहीं

गाँधी सा मरने की छोडो जीवन भी उनसा जिया नहीं |
वो जो कहते खुद करते थे, उपदेश नहीं बस देते थे
सम्मान दूसरे को देते, अपमान स्वयं सह लेते थे |

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